अभिकारकों की सान्द्रता में वृद्धि से अभिक्रिया की दर होगी
अप्रभावित रहती है
बढ़ती है
घटती है
घट अथवा बढ़ जाती है
अभिक्रिया $A + 2B \to $उत्पाद, के लिये दर नियम $\frac{{d[dB]}}{{dt}} = k[{B^2}]$ से दिया जाता है। यदि $A$ अधिकता में लिया जाये तो अभिक्रिया की कोटि होगी
यदि अभिक्रिया $2A + B \to {A_2}B$ में $A$ का सान्द्रण दुगना तथा $B$ का सान्द्रण आधा कर दिया जाये तो अभिक्रिया की दर
किसी अभिक्रिया के लिये निम्न भिन्नात्मक नहीं हो सकता
यदि $ ‘a’ $ प्रारम्भिक सान्द्रता, $ ‘n’ $ अभिक्रिया की कोटि और $T $ अर्द्ध-आयुकाल है, तब
$543$ $K$ ताप पर एजोआइसोप्रोपेन के हेक्सेन तथा नाइट्रोजन में विघटन के निम्न आँकड़े प्राप्त हुए। वेग स्थिरांक की गणना कीजिए।
$t$ $(sec)$ | $P(m m \text { of } H g$ में) |
$0$ | $35.0$ |
$360$ | $54.0$ |
$720$ | $63.0$ |