यदि चाल $V$, क्षेत्रफल $A$ एवं बल $F$ को मूल इकाई लिया जाए तो यंग-गुणांक की विमा होगी
$FA ^{-1} V ^{0}$
$FA ^{2} V ^{-1}$
$FA ^{2} V ^{-3}$
$FA ^{2} V ^{-2}$
एक दृढ़ घन $A$ का द्रव्यमान $M$ एवं इसकी प्रत्येक भुजा की लम्बाई $L$ है, यह एकसमान विमा के, दूसरे कम दृढ़ता गुणांक $(\eta )$ वाले घन $ B$ के ऊपर इस प्रकार से स्थित है कि $A$ का निचला पृष्ठ $B$ के ऊपरी पृष्ठ को पूरी तरह ढ़क लेता है। $B$ की निचली सतह दृढ़ता से क्षैतिज सतह पर स्थित है। एक अल्प परिमाण का बल $F,\,A$ की एक सतह पर लम्बवत् लगाया जाता है। बल को हटाने पर $A$ छोटे दोलन करने लगता है जिसका आवर्तकाल दिया जाता है
एक तरंग का समीकरण, $Y = A\sin \omega \left( {\frac{x}{v} - K} \right)$ से दिया जाता है। जहाँ $\omega $ कोणीय वेग तथा $v$ रेखीय वेग है। $K$ की विमा है
विमीय विश्लेषण की नींव किसके द्वारा रखी गयी
$F=\alpha t^2+\beta t$ द्वारा परिभाषित एक बल दिये गये समय $t$ पर एक कण पर आरोपित होता है। यदि $\alpha$ तथा $\beta$ नियतांक हो तो निम्न में से कौन सा घटक विमाहीन है ?
यदि $E , L , M$ तथा $G$ क्रमशः ऊर्जा, कोणीय संवेग, द्रव्यमान तथा गुरूत्वाकर्षण नियतांक को प्रदर्शित करते हों, तो सूत्र $P = EL ^{2} M ^{-5} G ^{-2}$ में $P$ की विमा होगी।