जब एक चुम्बक को चुम्बकीय याम्योत्तर से $30^o$ के कोण पर लटकाया जाता है तो यह क्षैतिज से $45^o$ का कोण बनाता है । वास्तविक नमन कोण होगा
${\tan ^{ - 1}}(\sqrt 3 /2)$
${\tan ^{ - 1}}(\sqrt {3)} $
${\tan ^{ - 1}}(\sqrt {3/2} )$
${\tan ^{ - 1}}(2/\sqrt 3 )$
भू-चुंबकत्व संबंधी निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
$(a)$ एक सदिश को पूर्ण रूप से व्यक्त करने के लिए तीन राशियों की आवश्यकता होती है। उन तीन स्वतंत्र राशियों के नाम लिखिए जो परंपरागत रूप से पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र को व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त होती हैं।
$(b)$ दक्षिण भारत में किसी स्थान पर नति कोण का मान लगभग $18^{\circ}$ है। ब्रिटेन में आप इससे अधिक नति कोण की अपेक्षा करेंगे या कम की?
$(c)$ यदि आप ऑस्ट्रेलिया के मेल्बोर्न शहर में भू-चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं का नक्शा बनाएँ तो ये रेखाएँ पृथ्वी के अंदर जाएँगी या इससे बाहर आएँगी?
$(d)$ एक चुंबकीय सुई जो ऊर्ध्वाधर तल में घूमने के लिए स्वतंत्र है , यदि भू-चुंबकीय उत्तर या दक्षिण ध्रुव पर रखी हो तो यह किस दिशा में संकेत करेगी?
$(e)$ यह माना जाता है कि पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र लगभग एक चुंबकीय द्विधुव के क्षेत्र जैसा है जो पृथ्वी के केंद्र पर रखा है और जिसका द्विध्रुव आघूर्ण $8 \times 10^{22} JT ^{-1}$ है। कोई ढंग सुझाइए जिससे इस संख्या के परिमाण की कोटि जाँची जा सके।
$(f)$ भू-गर्भशास्त्रियों का मानना है कि मुख्य $N - S$ चुंबकीय ध्रुवों के अतिरिक्त, पृथ्वी की सतह पर कई अन्य स्थानीय ध्रुव भी हैं, जो विभिन्न दिशाओं में विन्यस्त हैं। ऐसा होना कैसे संभव है?
किन्हीं दो स्थानों के नमन कोण क्रमश: $30° $ तथा $45° $ हों, तो उन स्थानों पर पृथ्वी के चुम्बकत्व के क्षैतिज घटकों का अनुपात होगा
पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के क्षैतिज घटक के कारण बल रेखाएँ होती हैं
सही सम्बन्ध है
(जबकि ${B_H} = $भू-चुम्बकीय क्षैतिज घटक; ${B_V}$ $=$ पृथ्वी की पूर्ण चुम्बकीय तीव्रता का ऊध्र्वाधर घटक $B = $ पृथ्वी की पूर्ण चुम्बकीय तीव्रता)
एक लघु चुम्बक को चुम्बकीय याम्योतर में इस प्रकार रखा जाता है कि उसका दक्षिणी ध्रुव उत्तर की ओर रहता है । चुम्बक के केन्द्र से $20$ सेमी की दूरी पर उदासीन बिन्दु प्राप्त होता है । यदि उस बिन्दु पर भू-चुम्बकीय क्षैतिज घटक का मान $ 0.3$ गॉस है तो चुम्बक का चुम्बकीय आघूर्ण होगा