निम्न कथनों में से सही कथन है

  • A

    लोलक के गोले का द्रव्यमान अधिक होने पर इसके दोलन की आवृत्ति कम हो जाती है

  • B

    एक सरल लोलक के गोले का द्रव्यमान $M$ है, कोणीय आयाम $40^\circ $ से झूल रहा है। जब कोणीय आयाम $20^\circ $ होगा, तो धागे का तनाव $Mg\cos 20^\circ $ से कम होगा

  • C

    यदि सरल लोलक की लम्बाई बढ़ा दी जाये, तो इसके दोलन के दौरान इसका अधिकतम वेग घट जाता है

  • D

    ताप बदलने पर सरल लोलक के आवर्तकाल में आंशिक परिवर्तन, लोलक की लम्बाई से स्वतन्त्र होता है

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एक स्प्रिंग $10$ न्यूटन के बल से $5$ से.मी. खिंची होती है। जब $2$ कि.ग्रा. द्रव्यमान को इससे लटकाया जाता है, तो दोलन का आवर्तकाल होता है :  (सेकण्ड में)

  • [NEET 2021]

$500 \,N \,m ^{-1}$ कमानी स्थिरांक किसी कमानी से $5\, kg$ संहति का कोई कॉलर जुड़ा है जो एक क्षेतिज छड़ पर बिना किसी घर्षण के सरकता है । कॉलर को उसकी साम्यावस्था की स्थिति से $10.0 \,cm$ विस्थापित करके छोड दिया जाता है । कॉलर के

$(a)$ दोलन का आवर्तकाल

$(b)$ अधिकतम चाल तथा

$(c)$ अधिकतम त्वरण परिकलित कीजिए

एक $m$ द्रव्यमान को नगण्य द्रव्यमान के स्प्रिंग से लटकाया जाता है तथा निकाय $f_1$ आवृत्ति से दोलन करता है। यदि समान स्प्रिंग से $9$ मी. द्रव्यमान लटकाने पर दोलन की आवृत्ति $f_2$ है। $\frac{f_1}{f_2}$ का मान. . . . . . . हैं

  • [JEE MAIN 2024]

$l$ लम्बाई की एक स्प्रिंग् का बल-स्थिरांक $k$ है। जब इस पर भार $W$ लटकाया जाता है तो इसकी लम्बाई में वृद्धि $x$ होती है। यदि स्प्रिंग् को दो बराबर टुकड़ों में काटकर तथा उन्हें समान्तर क्रम में रखकर उन पर वही भार $W$ लटकाया जाये तो अब वृद्धि होगी

एक स्प्रिंग की स्वतंत्र लम्बाई $l$ तथा बल नियतांक $k$ है। इसे काटकर $l_{1}$ तथा $l_{2}$ स्वतंत्र लम्बाई की दो स्प्रिंगों में बाँटते है। $l_{1}= n l_{2}$ है, जहाँ $n$ एक पूर्णाक है। इनमें सम्बद्ध बल नियतांकों $k _{1}$ तथा $k _{2}$ का अनुपात, $k _{1} / k _{2}$ होगा।

  • [JEE MAIN 2019]