झील पर बनी बर्फ की होती है
अधिक ऊष्मीय चालकता, इससे और अधिक बर्फ बनने में सहायता मिलती है
बहुत कम ऊष्मीय चालकता और अधिक बर्फ बनने को रोकती है
इससे तेजी के साथ संवहन होता है और बर्फ बनने में मन्दन करती है
यह अच्छी उत्सर्जक है
दो विभिन्न पदार्थों के गोले जिनमें एक की त्रिज्या दुगनी एवं दीवार की मोटाई दूसरे से $\frac{1}{4}$ गुनी है, बर्फ से भरे हैं। यदि सम्पूर्ण बर्फ पिघलने में बड़ी त्रिज्या वाले गोले को $25$ मिनट एवं छोटी त्रिज्या वाले गोले को $16$ मिनट लगते हों तो बड़ी त्रिज्या वाले गोले के पदार्थ की ऊष्मीय चालकता व छोटी त्रिज्या वाले गोले की ऊष्मीय चालकता का अनुपात है
एक लम्बी धातु की छड़ में एक सिरे से दूसरे सिरे तक स्थिर अवस्था में ऊष्मा प्रवाहित हो रही है। तापमान $\theta$ का छड़ के गर्म सिरे से लम्बाई $x$ से परिवर्तन निम्नलिखित चित्रों में से किसके द्वारा सर्वोत्तम प्रदर्शित किया गया है ?
किसी धातु की ऊष्मा चालकता $CGS$ पद्धति में $0.4$ है। स्थायी अवस्था में यदि $10$ कैलोरी प्रति सैकण्ड प्रति सेमी $ 2$ ऊष्मा का संचार होता है, तो ताप प्रवणता निम्न ....... $^oC/cm$ होगी
पाँच सर्वसम छड़ों को चित्रानुसार जोड़ा गया है, बिन्दु $A$ व $C$ को क्रमश: $120^o C$ एवं $20^o C$ ताप पर रखा गया है। संन्धि $B$ का ताप ....... $^oC$ होगा
$r _{1}$ तथा $r _{2}$ त्रिज्याओं $\left( r _{1}\,<\, r _{2}\right)$ के दो पतले धातुत्वीय गोलीय कोशों को संपातित केन्द्रों के साथ रखा जाता है। दोनों कोशों के मध्य का भाग उष्मीय चालकता $K$ के पदार्थ से भरा है। आन्तरिंक कोश को ताप $\theta_{1}$ तथा बाहय कोश को ताप $\theta_{2}$ (जहाँ $\theta_{1}\,<\,\theta_{2}$ ) पर पोषित किया जाता है। पदार्थ से त्रिज्यीय प्रवाहित उष्मा की दर होती है।