नीचे दो कथन दिए गए है, एक को अभिकथन $A$ एवं दूसरे को कारण $\mathrm{R}$ कहा गया है
अभिकथन $\mathrm{A}$ : यदि $30 \times 10^{-5} \mathrm{Cm}$ द्विध्रुव आघूर्ण वाला एक विद्युत द्विध्रुव, किसी बंद पृष्ठ से घिरा है, तो पृष्ठ
से निकलने वाले कुल फ्लक्स का मान शून्य होगा।
कारण $R$ : विद्युत द्विध्रुव में दो समान एवं विपरीत आवेश होते हैं।
उपर्युक्त कथनों के प्रकाश में, नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनें।
$A$ एवं $R$ दोनों सही हैं तथा $A$ की सही व्याख्या $\mathrm{R}$ है।
$\mathrm{A}$ सही है परन्तु $\mathrm{R}$ गलत है।
$A$ एवं $R$ दोनों सही हैं तथा $A$ की सही व्याख्या $\mathrm{R}$ नहीं है।
$\mathrm{A}$ गलत है परन्तु $\mathrm{R}$ सही है।
एक घन के अन्दर $e$ परिमाण के आवेश वाले $8$ द्विध्रुव रखे हैं। घन से निर्गत कुल विद्युत फ्लक्स का मान होगा
मान लीजिए कि एक बिंदु आवेश $q$ के द्वारा $r$ दूरी पर उत्पन्न विद्युतीय क्षेत्र $E$ व्युत-वर्गानुपाति (inverse square) न हो के बल्कि व्युत-घनानुपाति (inverse cubic) है | जैसे कि $\vec{E}=k \frac{q}{r^3} \hat{r}$ जहाँ $k$ एक नियतांक है | निम्नलिखित दो कथनों पर विचार करें ।
$(i)$ आवेश को परिबद्ध (enclosing) करने वाले एक गोलीय पृष्ठ से निकलने वाले विद्युत अभिवाह (flux), $\phi=q_{\text {enclosed }} / \epsilon_0$
$(ii)$ एकसमान रूप से आवेशित खोखले कोष के अन्दर स्थित आवेश पर एक बल लगेगा ।
सही विकल्प का चयन करें
एक आवेश Q को एक घन के किनारे पर रखा जाता है। इसकी प्रत्येक फलक से निकलने वाला वैधुत फ्लक्स होगा :
एक आवेश $Q$ को एक घन के किनारे पर रखा जाता है। इसकी प्रत्येक फलक से निकलने वाला वैधुत फ्लक्स होगा :
चित्रानुसार, एक वृत्तीय तार (wire) परिनालिका को घेराबंद करता है परिनालिका में चुम्बकीय फ्लक्स एक नियत दर से इस पृष्ठ के तल से बाहर की ओर बढ़ रहा है. वृत्ताकार तार के परितः दक्षिणावर्त विद्युत वाहक बल $\varepsilon_0$ है. परिभाषा के अनुसार, वोल्टामीटर, दिए गए दो बिन्दुओं के मध्य वोल्टता के अंतर को निम्न समीकरण $V _{ b }- V _{ s }=\int_a^b \bar{E} \cdot d \bar{s}$ के अनुसार मापता है. मान लीजिये कि $a$ और $b$ एक-दूसरे के अत्यणु निकट हैं. तो पथ 1 के अनुरूप $V _{ b }- V _{ a }$ और पथ 2 के अनुरूप $V _{ a }- V _{ b }$ के मान क्रमशः क्या हैं?