एक ही पदार्थ की चार एकसमान छड़ों को एक-दूसरे के सिरों के साथ इस तरह जोड़ दिया गया है कि एक वर्ग बन जाये। यदि वर्ग के एक विकर्ण के सिरों पर तापान्तर $100°C$ है, तो दूसरे विकर्ण के सिरों पर तापान्तर ........ $^oC$ होगा (जहाँ l प्रत्येक छड़ की लम्बाई हे।)

  • A

    $0$

  • B

    $\frac{{100}}{l}$

  • C

    $\frac{{100}}{{2l}}$

  • D

    $100$

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बर्फ की तुलना में हिम अधिक ऊष्मारोधी है क्योंकि

धातु की एक बेलनाकार छड़ अपने दो सिरों पर दो ऊष्मा भंडारों के तापीय सम्पर्क में हैं। यह t समय में $Q$ ऊष्मा का चालन करती है। इस छड़ को पिघलाकर उससे एक अन्य छड़ बना दी जाती है, जिसकी त्रिज्या पहली छड़ की त्रिज्या की आधी है। यदि इस नई छड़ के सिरे उन्हीं ऊष्मा भंडारों के तापीय सम्पर्क में रखा जाय तो, इस छड द्वारा $t$ समय में चालित ऊष्मा कितनी होगी ?

  • [AIPMT 2010]

एक ही पदार्थ की बनी दो धात्विक छड़ों के व्यासों का अनुपात $2 : 1$ है तथा उनकी लम्बाइयों का अनुपात $1 : 4$ है। यदि उनके सिरों के बीच तापान्तर समान हो, तो उनमें ऊष्मा प्रवाह की दरों का अनुपात होगा

चार सर्वसम धात्विक छड़ों को मिलाकर एक वर्ग बनाया गया है। इस वर्ग के दो विकर्ण अभिमुख $(Diagonally\,\, opposite)$ बिन्दुओं के ताप स्थायी अवस्था में क्रमश: $T$ व $\sqrt 2 $ $T$ हैं। यह मानते हुए कि ऊष्मा का केवल चालन होता है, वर्ग के अन्य दो बिन्दुओं के बीच तापान्तर होगा

समान विमाओं वाली तीन छड़ें, जिनकी ऊष्मीय चालकताएँ $3K,\,2K$ तथा $K$ हैं, चित्रानुसार व्यवस्थित की गई हैं। इनके सिरे ${100^o}C,\,\,{50^o}C$ तथा ${20^o}C$ पर हैं इनकी सन्धि का ताप ........ $^oC$ है