निर्वात में '$r$' सेमी की दूरी पर स्थित दो बिन्दु आवेशों $\mathrm{q}_1$ व $\mathrm{q}_2$ के बीच लगने वाला बल $\mathrm{F}$ है। $K=5$ परावैद्युतांक वाले माध्यम में ' $r / 5$ ' सेमी. दूरी पर स्थित उन्हीं आवेशों की बीच लगने वाला बल होगा :
$F / 25$
$5 \mathrm{~F}$
$F / 5$
$25 \mathrm{~F}$
यदि दो आवेशों के मध्य वायु के स्थान पर $K$ परावैद्युतांक वाला माध्यम भर दिया जाये तो उनके मध्य लगने वाला अधिकतम आकर्षण बल
दो विध्युतरोधी आवेशित ताँबे के गोलों $A$ तथा $B$ के केंद्रों के बीच की दूरी $50 \,cm$ है। यद् दोनों गोलों पर पृथक-पृथक आवेश $6.5 \times 10^{-7} C$ हैं, इसी साइज का कोई तीसरा अनावेशित गोला पहले तो पहले गोले के संपर्क, तत्पश्चात दूसरे गोले के संपर्क में लाकर, अंत में दोनों से ही हटा लिया जाता है। अब $A$ तथा $B$ के बीच नया प्रतिकर्षण बल कितना है?
एक सरल लोलक के धात्विक गोलक पर ऋणावेश है तथा लोलक का आवर्तकाल $T$ है। यदि इसे धनावेशित धात्विक प्लेट के ऊपर दोलित किया जाये तो इसका आवर्तकाल होगा
दो एकसमान आवेशित गोलों को बराबर लम्बाई की डोरियों से लटकाया गया है। डोरियाँ एक-दूसरे से $30^{\circ}$ का कोण बनाती है। जब $0.8\, gcm ^{-3}$, घनत्व के द्रव में लटकाया जाता हैं, तो कोण वही रहता है। यदि गोले के पदार्थ का घनत्व $1.6\, gcm ^{-3}$ है, तब द्रव का परावैघुतांक है
आवेशित गोलीय संधारित्र के दो गोलों के मध्य विद्युत क्षेत्र का परिणाम