दो विध्युतरोधी आवेशित ताँबे के गोलों $A$ तथा $B$ के केंद्रों के बीच की दूरी $50 \,cm$ है। यद् दोनों गोलों पर पृथक-पृथक आवेश $6.5 \times 10^{-7} C$ हैं, इसी साइज का कोई तीसरा अनावेशित गोला पहले तो पहले गोले के संपर्क, तत्पश्चात दूसरे गोले के संपर्क में लाकर, अंत में दोनों से ही हटा लिया जाता है। अब $A$ तथा $B$ के बीच नया प्रतिकर्षण बल कितना है?
Distance between the spheres, $A$ and $B, r=0.5\,m$
Initially, the charge on each sphere, $q=6.5 \times 10^{-7} \,C$
When sphere $A$ is touched with an uncharged sphere $C, q / 2$ amount of charge from $A$ will transfer to sphere $C$. Hence, charge on each of the spheres, $A$ and $C ,$ is $q / 2 .$
When sphere $C$ with charge $q / 2$ is brought in contact with sphere $B$ with charge $q$, total charges on the system will divide into two equal halves given as,
$\frac{1}{2}\left(q+\frac{q}{2}\right)=\frac{3 q}{4}$
Hence, charge on each of the spheres, $C$ and $B ,$ is $\frac{3 q}{4}$ Force of repulsion between sphere A having charge $q / 2$ and sphere $B$ having charge $\frac{3 q}{4}$ is $F=\frac{1}{4 \pi \varepsilon_{0}} \cdot \frac{q_{A} q_{B}}{r^{2}}=\frac{1}{4 \pi \varepsilon_{0}} \cdot \frac{\frac{q}{2} \times \frac{3 q}{4}}{r^{2}}$
$=\frac{1}{4 \pi \varepsilon_{0}} \cdot \frac{3 q^{2}}{8 r^{2}}=\frac{9 \times 10^{9} \times 3 \times\left(6.5 \times 10^{-7}\right)^{2}}{8 \times(0.5)^{2}}$$=5.703 \times 10^{-3}\, N$
Therefore, the force of attraction between the two spheres is $5.703 \times 10^{-3} \;N$.
दो वैध्युत आवेशों के बीच स्थिर वैध्युत बल के लिए कूलॉम नियम तथा दो स्थिर बिंद्रु द्रव्यमानों के बीच गुर्त्वाकर्षण बल के लिए न्यूटन का नियम दोनों में ही बल आवेशों/द्रव्यमानों के बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है। $(a)$ इन दोनों बलों के परिमाण ज्ञात करके इनकी प्रबलताओं की तुलना की जाए $(i)$ एक इलेक्ट्रॉन तथा एक प्रोटॉन के लिए,
$(ii)$ दो प्रोटनों के लिए। $(b)$ इलेक्ट्रॉन तथा प्रोटॉन में पारस्परिक आकर्षण के वैध्युत बल के कारण इलेक्ट्रॉन तथा प्रोटॉन के त्वरण आकलित कीजिए जबकि इनके बीच की दूरी $1 \dot{ A }\left(=10^{-10} \,m \right)$ है। $\left(m_{p}=1.67 \times 10^{-27} \,K , m_{e}=9.11 \times 10^{-31} \,kg \right)$
दो इलेक्ट्रॉन एक दूसरे से $1\,\mathop A\limits^o $ की दूरी पर हैं। इनके बीच कूलॉम बल होगा
लम्बाई $l$ की दो द्रव्यमानहीन डोरियो द्वारा एक उभयनिष्ठ बिन्दु से दो एकसमान आवेशित गोले लटकाये गये है, जों कि प्रारम्भ में दूरी $d(d$ $ < < l)$ पर अपनें अन्योन्य विकषर्ण के कारण है। दोंनों गोलों से आवेश एक स्थिर दर से लीक होना प्रारम्भ करता है। इसके परिणाम स्वरूप आवेश एक दूसरे की ओर $v$ वेग से गति करना प्रारम्भ करते है। तब दोनों के बीच दूरी $x$ के फलन के रूप में
एक $V$ वोल्ट तक आवेशित समान्तर प्लेट संधारित्र की प्लेटों $A$ तथा $B$ के बीच दो प्रोटॉन चित्रानुसार स्थित है। प्रोटॉनों पर बल ${F_A}$ तथा ${F_B}$ है, तो
$m_1$ एवं $m_2$ द्रव्यर्मान की धातु की दो छोटी गेंदे, एक ही लंबाई के धागे से किसी एक बिन्दु से लटकी है। जब गेंदों को एक समान आवेशित किया जाता है तब ऊर्ध्व के सापेक्ष दोनों धागे क्रमश: $30^{\circ}$ एवं $60^{\circ}$ कोण बनाते हैं। अनुपात $m_1 / m_2$ क्या होगा?