त्रिज्या $R$ के एक एकसमान आवेशित वलय के विध्युत क्षेत्र का मान उसके अक्ष पर केंद्र से $h$ दूरी पर अधिकतम है। $h$ का मान होगा:
$\frac{R}{{\sqrt 5 }}$
$\frac{R}{{\sqrt 2 }}$
$R$
$R\sqrt 2 $
$5$ नेनोकूलॉम (परिमाण) के अनन्त संख्या में आवेश $X$-अक्ष के अनुदिश $x = 1$सेमी, $x = 2$ सेमी, $x = 4$ सेमी $x = 8$ सेमी. ………. पर रखे गये हैं। इस व्यवस्था में यदि दो क्रमागत आवेश विपरीत प्रकृति के हों तो $x = 0$ पर न्यूटन कूलॉम में विद्युत क्षेत्र होगा $\left( {\frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}} = 9 \times {{10}^9}\,N - {m^2}/{c^2}} \right)$
$0.003\, gm$ द्रव्यमान का आवेशित कण नीचे की ओर कार्यरत विद्युत क्षेत्र $6 \times {10^4}\,N/C$ में विरामावस्था में है। आवेश का परिमाण होगा
$1.7 \times {10^{ - 27}}$ किग्रा व $1.6 \times {10^{ - 19}}$ आवेश के एक प्रोटॉन को वैद्युत क्षेत्र में सन्तुलित रखने के लिये क्षेत्र की तीव्रता होनी चाहिये
$q$ परिमाण के अनन्त आवेश $x$-अक्ष पर $x$ =$1\,, 2\,, 4\,, 8...$ मीटर दूरियों पर रखे हैं। इन आवेशों के कारण $x = 0$ पर विद्युत क्षेत्र का मान होगा
ड्यूट्रॉन तथा $\alpha - $कण वायु में $1\,{\mathop A\limits^o }$ की दूरी पर हैं। ड्यूट्रॉन के कारण $\alpha - $ कण पर कार्य करने वाली विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का परिमाण होगा