ड्यूट्रॉन तथा $\alpha - $कण वायु में $1\,{\mathop A\limits^o }$ की दूरी पर हैं। ड्यूट्रॉन के कारण $\alpha - $ कण पर कार्य करने वाली विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का परिमाण होगा
शून्य
$2.88 \times {10^{11}}\,$ न्यूटन/कूलॉम
$1.44 \times {10^{11}}\,$ न्यूटन/कूलॉम
$5.76 \times {10^{11}}\,$ न्यूटन/कूलॉम
एक धनावेशित गेंद को सिल्क के धागे से लटकाया गया है। यदि हम एक बिन्दु पर धनात्मक परीक्षण आवेश ${q_0}$ रखते हैं एवं $F/{q_0}$ को मापते हैं तो यह कहा जा सकता है कि विद्युत क्षेत्र प्राबल्य $E$
तीन एकसमान बिन्दु आवेश चित्रानुसार एक समकोण समद्विबाहु त्रिभुज के शीर्षों पर रखे गये हैं। विकर्ण के मध्य बिन्दु पर कौनसा सदिश विद्युत क्षेत्र की दिशा से संपाती होगा
दो एकसमान बिन्दु आवेश एक दूसरे से $d$ दूरी पर स्थित है। दोनों आवेशों को जोड़ने वाली रेखा पर किसी एक आवेश से $x$ दूरी पर बिन्दु $P$ है $P$ पर विद्युत क्षेत्र $E$ है। निम्न में से कौनसा ग्राफ $E$ और $x$ के मध्य सही ग्राफीय निरूपण व्यक्त करता है। यहाँ $x$ का मान शून्य से लेकर $d$ से कुछ कम तक है
त्रिज्या $r$ की एक पतले अर्द्ध-वृत्तीय वलय पर धनात्मक आवेश $q$ एकसमान रूप से वितरित है। केन्द्र $O$ पर परिणामी क्षेत्र $\overrightarrow{ E }$ है।
एक आवेश के कारण इससे $3$ मी. की दूरी पर उत्पन्न विद्युत क्षेत्र $500\,N/C$ है। आवेश का परिमाण.......$\mu C$ है $\left[ {\frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}} = 9 \times {{10}^9}\,\frac{{N - {m^2}}}{{{C^2}}}} \right]$