${E_{ckgj}} = \frac{{kQ}}{{{r^2}}}$आवेशों $4Q$, $q$ तथा $Q$ को  $x$-अक्ष के अनुदिश क्रमश:  $x = 0$,  तथा $x = l$ पर रखा जाता है। $q$ का वह मान, ताकि आवेश $Q$ पर लगने वाला बल शून्य हो, होगा

  • A

    $Q$

  • B

    $Q / 2$

  • C

    $-Q / 2$

  • D

    $-Q$

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विद्युत आवेश $Q$ को दो भागों में ${Q_1}$ तथा ${Q_2}$ में विभक्त करके परस्पर $R$ दूरी पर रखा गया है। दोनों के मध्य प्रतिकर्षण का बल अधिकतम होगा, जब

दो एकसमान धनावेश $Q$, एक दूसरे से ' $2\,a$ ' दूरी पर स्थिर किए गए हैं। दोनों स्थिर आवेशों के मध्य बिन्दु पर, किसी अन्य ' $m$ ' द्रव्यमान के आवेश $q _0$ को रखा जाता है। दोनों स्थिर आवेशों को जोड़ने वाली रेखा के अनुदिश एक लघु विस्थापन के कारण आवेश $q _0$ सरल आवर्त गति करने लगता है। आवेश $q _0$ के दोलनों का आवर्तकाल होगा :

  • [JEE MAIN 2022]

कल्पना कीजिये कि एक प्रोटॉन और एक इलेक्ट्रान के आवेश में अल्प अन्तर होता है। इनमें से एक $- e$ है और दूसरा $( e +\Delta e )$ है। यदि एक दूसरे से $^{\prime} d ^{\prime}$ दूरी पर रखे हाइड्रोजन के दो परमाणुओं के बीच ( जहाँ $d$ परमाणु के साइज से बहुत अधिक है ) स्थिर वैधुत बल और गुरूत्वीय बल का परिणामी ( नेट) शून्य है तो, $\Delta e$ की कोटि होगी :

(दिया है, हाइड्रोजन का द्रव्यमान $m _{ h }=1.67 \times 10^{-27}$ $kg)$

  • [NEET 2017]

दो बिन्दु आवेश $ + \,9e$ तथा $ + \,e$ एक दूसरे से $16$ सेमी. दूर स्थित हैं। अन्य आवेश $q$ को इनके बीच कहाँ रखा जाये कि निकाय सन्तुलन अवस्था में हो        

हाइड्रोजन परमाणु में, $r$ त्रिज्या की कक्षा में एक इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारो ओर चक्कर लगाता है इनके मध्य कूलॉम बल $\vec F$ है:

(जहाँ $K = \frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}}$)

  • [AIPMT 2003]