समान त्रिज्या वाली लोहे की एक गेंद और लकड़ी की एक गेंद $‘h’ $ ऊँचाई से निर्वात् में छोड़ी जाती हैं। इनके पृथ्वी तक पहुँचने के समय समान होगे तो वो किस पर आधारित है
निर्वात् में गुरुत्वीय त्वरण का मान समान होता है, पिण्ड का आकार तथा द्रव्यमान चाहे जो हो
निर्वात् में गुरुत्वीय त्वरण पिण्ड के द्रव्यमान पर निर्भर करता है
निर्वात् में गुरुत्वीय त्वरण नहीं होता है
निर्वात् में पिण्ड की गति का विरोध करने के लिए प्रतिरोध होता है तथा यह प्रतिरोध पिण्ड के द्रव्यमान पर निर्भर करता है
पृथ्वी की सतह पर गुरूत्वीय व्तरण का मान $9.8 \,ms ^{-2}$ है। पृथ्वी की सतह से वह ऊँचाई, जहाँ गुरूत्वीय त्वरण घटकर $4.9 \,ms ^{-2}$ हो जाती है, होगी : (पृथ्वी की त्रिज्या $\left.=6.4 \times 10^{6} \,m \right)$
पृथ्वी की सतह पर एक सरल लोलक का आवर्तकाल ${T_1}$ है तथा पृथ्वी तल से $R$ ऊँचा पर इसका आवर्तकाल ${T_2}$ है, (जहाँ $R-$ पृथ्वी की त्रिज्या है) ${T_2}/{T_1}$ का मान है
एक पैण्डुलम घड़ी समुद्र तल पर सही समय दर्शाती है इसे समुद्र तल से $2500$ मीटर ऊँचाई पर स्थित पहाड़ी प्रदेश पर ले जाया जाता है। सही समय पता करने के लिये इसके पेण्डुलम की लम्बाई
नीचे दो कथन दिये गये है, एक को अभिकथन $A$ तथा दूसरे को कारण R के रुप में दर्शाया गया है-
अभिकथन $A$ : यदि हम धुवों से भू-मध्य रेखा की ओर गति करे तो पृथ्वी के गुरुत्वीय त्वरण की दिशा हमेशा पृथ्वी के केन्द्र की ओर इसके परिमाण में कोई परिवर्तन किये बिना होगी।
कारण $R$ : भूमध्य रेखा पर पृथ्वी के गुरुत्वीय त्वरण की दिशा पृथ्वी के केन्द्र की ओर होगी। सही कथन चुनियें।
जब किसी पिण्ड को भूमध्य रेखा से ध्रुवों की ओर ले जाया जाता है तो इसका भार