$\alpha$ किरणें हैं
$2$ प्रोटॉन
द्वि-आयनित हीलियम नाभिक
हीलियम अणु
एक-आयनित हीलियम नाभिक
$\alpha $- कण के अवयव हैं
${U^{238}}$ नाभिक एक $\alpha - $ कण उत्सर्जन करके $T{h^{234}}$ में रूपान्तरित हो जाता है। इसके बाद रेडियोएक्टिव विघटन की श्रृंखला जारी रहती जिसमें $\alpha - $ क्षय या $\beta $ -क्षय होता है। अन्तत: एक स्थायी नाभिक प्राप्त होता हैं और विघटन रुक जाता है। निम्न में से कौन ${U^{238}}$ रेडियोएक्टिव विघटन श्रृंखला का अन्तिम उत्पाद है
एक नाभिक $_Z{X^A}$, $9 \alpha$,- कण एवं $5 \beta$ - कण उत्सर्जित करता है। अन्तिम नाभिक में कुल प्रोटॉनों एवं न्यूट्रॉनों का अनुपात हैं
${\beta ^ + }$ उत्सर्जन और तत्पश्चात गामा-उत्सर्जन द्वारा एक नाभिक का क्षय होता है। यदि जनक का परमाणु क्रमांक तथा द्रव्यमान संख्या $Z$ तथा $A$ हो तब पुत्री नाभिक का परमाणु क्रमांक तथा द्रव्यमान संख्या क्रमश: निम्न होगी
रेडियोएक्टिव क्षय में उत्सर्जित कण यदि चुम्बकीय क्षेत्र में विक्षेपित होते हैं तो कण होंगे