डोरी से बाँधा गया पत्थर वृत्तीय पथ पर गति करता है। यदि डोरी काट दें तो पत्थर वृत्त से दूर चला जाता है क्योंकि
पत्थर पर अपकेन्द्रीय बल लगता है
इसका जड़त्व इसे गतिशील रखता है
पत्थर पर अभिकेन्द्रीय बल लगता है
अभिकेन्द्रीय बल की प्रतिक्रिया के फलस्वरूप
कोई रेलगाड़ी बिना ढाल वाले $30\, m$ त्रिज्या के वृत्तीय मोड़ पर $54\, km\, h ^{-1}$ चाल से चलती है। रेलगाड़ी की संहति $10^{6}\, kg$ हैं। इस कार्य को करने के लिए आवश्यक अभिकेंद्र बल कौन प्रदान करता है ? इंजन अथवा पटरियाँ ? पटरियों को क्षतिग्रस्त होने से बचाने के लिए मोड़ का ढाल-कोण कितना होना चाहिए ?
एक पहाड़ी की चोटी की वक्रता त्रिज्या $20$ मी है। एक रोलर कोस्टर को इस तरह बनाया है की जब इसमें जा रहे यात्री पहाड़ी की चोटी के परितः घूमते है , तो उन्हें ' भारहीनता ' का आभास होता है। पहाड़ी की चोटी पर कार की चाल होगी
एक फ़लक पृथ्वी के उत्तरी गोलार्द्ध में $45^{\circ}$ अक्षांश पर क्षैतिज मैदान में स्थिर है। यदि पृथ्वी का कोणीय वेग $\omega$ और त्रिज्या $r_e$ है तो फ़लक पर लगने वाले घर्षण बल का परिमाण होगा
किसी पिण्ड की एकसमान वृत्तीय गति को बनाये रखने के लिए आवश्यक बल होता है
सड़क तथा टायरों के बीच घर्षण गुणांक $0.25$ है। वह अधिकतम चाल जिससे एक कार $40$ मीटर त्रिज्या के वृत्ताकार मोड़ पर बिना फिसले मुड़ सके, ........ $ms^{-1}$ होगी ($g = 10$ मीटर/सैकण्ड$^{2}$)