एक $20$ ओह्य के प्रतिरोध के हीटर द्वारा कमरे का ताप${20^o}C$ नियत रखा जाता है। हीटर को $200$ वोल्ट मेन्स से संयोजित रखकर कमरे का ताप सर्वत्र समान रखा जाता है। ऊष्मा एक काँच की खिड़की से निर्गत होती है। काँच की मोटाई $0.2$ सेमी और क्षेत्रफल $1$ मीं$^2$ है। बाह्य का ताप ........ $^oC$ होगा, यदि कांच की ऊष्मा चालकता $K = 0.2cal/m/^\circ C/sec$ तथा $J = 4.2 J/cal$
$15.24$
$15.00$
$24.15$
इनमें से कोई नहीं
ऊष्मीय प्रतिरोध की विमा है
उदाहरण चित्र में दर्शाए अनुसार लोहे की किसी छड़ $\left(L_{1}=0.1 m , A _{1}=0.02 m ^{2}, K_{1}=79\right.$ $W m ^{-1} K ^{-1}$ ) को किसी पीतल की छड़ $\left( L _{2}=0.1 m \right.$ $A_{2}=0.02 m ^{2}, K_{2}=109 W m ^{-1} K ^{-1}$ ) के साथ सिरे से सिरे को मिलाकर डाला गया है। लोहे की छड़ तथा पीतल की छड़ के स्वतंत्र सिरों को क्रमश: $373\, K$ तथा $273 \,K$ पर स्थापित किया गया है। $(i)$ दोनों छड़ों की संधि पर ताप, $(ii)$ संयुक्त छड़ की तुल्य ऊष्मा चालकता, तथा $(iii)$ संयुक्त छड़ में ऊष्मा प्रवाह की दर के लिए व्यंजक निकालिए तथा परिकलित कीजिए।
लम्बाई $L$ और एकसमान परिच्छेद क्षेत्रफल $A$ की एक छड़ के दो सिरों को दो तापमानों $T _{1}$ और $T _{2}$ (जबकि $T _{1}> T _{2}$ है ) पर निरन्तर रखा जा रहा है। स्थिर अवस्था में छड़ में से ऊष्मा के स्थानान्तरण की दर, $\frac{d Q}{d t}$ होगी
दो पदार्थो जिनके ऊष्मा चालकता गुणांक $K$ तथा $2K$ तथा मोटाई क्रमश: $x$ तथा $4x$ है, को जोड़कर एक संयुक्त पट्टिका बनायी गयी है, जिसके दो बाह्य पृष्ठों के ताप क्रमश: $T_2$ तथा $T_1$ ($T_2$ > $T_1$). हैं। स्थायी अवस्था में इस पट्टिका से प्रवाहित ऊष्मा की दर $\left( {\frac{{A({T_2} - {T_1})K}}{x}} \right)f$, है, जिसमें $f$ का मान है
समान पदार्थ की दो छड़ें, एक अर्द्धवृत्तीय तथा अन्य सीधी, समान अनुप्रस्थ काट वाली हैं। इन्हें चित्रानुसार जोड़ा गया है। बिन्दु $A$ तथा $B$ को विभिन्न ताप पर रखा गया है। अर्द्धवृत्तीय छड़ के अनुप्रस्थ काट से दिये गये समय में संचरित ऊष्मा तथा सीधी छड़ के अनुप्रस्थ काट से संचरित ऊष्मा का अनुपात है