एक प्रक्षेप्य को $20\,ms ^{-1}$ वेग से क्षैतिज से ' $\alpha$ ' कोण पर प्रक्षेपित किया गया है। $10$ सेकण्ड बाद इसका क्षैतिज से झुकाव ' $\beta$ ' हो जाता है। $\tan \beta$ का मान होगा: $(g=10\,ms^{-2})$
$\tan \alpha+5 \sec \alpha$
$\tan \alpha-5 \sec \alpha$
$2 \tan \alpha-5 \sec \alpha$
$2 \tan \alpha+5 \sec \alpha$
एक कण $R$ त्रिज्या के वृत्त में समान चाल से गति करते हुए एक चक्कर पूरा करने में $\mathrm{T}$ समय लेता है।
यदि यही कण क्षैतिज से उसी चाल से कोण ' $\theta$ ' पर प्रक्षेपित किया जाए, तो $4 \mathrm{R}$ के बराबर अधिकतम ऊँचाई प्राप्त करता है। प्रक्षेपण कोण $'\theta'$ दिया जाता है :
एक प्रक्षेप्य को $v$ वेग से ऊध्र्वाधर से $\theta $ कोण पर प्रक्षेपित किया जाता है, जिसकी पृथ्वी पर परास (Range) $‘R’$ है। समान वेग $v$ व कोण $\theta $ के लिए चन्द्रमा पर इसकी परास होगी
पानी का एक फव्वारा धरती पर चारों तरफ पानी छिड़कता है। यदि फव्वारे से निकल रहे पानी की चाल $v$ है, तब फब्वारें के चारों तरफ गीला होने वाला अधिकतम कुल क्षैत्रफल हैं:
दो प्रक्षेप्य समान प्रारम्भिक वेग से, क्षैतिज से क्रमशः $45^{\circ}$ और $30^{\circ}$ के कोण पर प्रक्षेपित किए गए। उनके द्वारा तय किये गये परासों का अनुपात होगा :
वह प्रक्षेपण कोण जिसके लिए प्रक्षेप्य की क्षैतिज परास तथा अधिकतम ऊँचाई बराबर होगी, है