किसी प्रेशर पम्प में $10\,cm ^2$ अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल वाली क्षैतिज नली से पानी $20\,m / s$ की चाल से बाहर निकलता है, तो नली के बाहर क्षैतिज रूप से बह रहे पानी द्वारा, नली के सामने स्थित एक ऊर्ध्वाधर दीवार पर आरोपित बल का मान $...............\,N$ है :
[दिया है, जल का घनत्व $=1000\,kg / m ^3$ ]
$300$
$500$
$250$
$400$
$500.0 \,m$ की ऊँचाई से पानी एक टर्बाइन शैफट (shaft) पर गिरता है, जो विद्युत पैदा करती है। $1.00 \times 10^9$ बाट्स शक्ति पैदा करने के लिए प्रति सेकंड ............. $m^3$ पानी गिरना चाहिए ? (मान लें कि परिबर्तन दक्षता $50 \%$ है और $g =10 \,m / s ^2$ )
उगले प्रश्न की समस्या में, $U-$ नली की दोनों भुजाओं में इन्हीं दोनों द्रवों को और उड़ेल कर दोनों द्रवों के स्तंभों की ऊँचाई $15 \,cm$ और बढ़ा दी जाएँ, तो दोनों भुजाओं में पारे के स्तरों में क्या अंतर होगा । ( पारे का आपेक्षिक घनत्व $=13.6$ ) ।
$20 \,cm$ लम्बी एक नली का एक शिरा बन्द है। नली को उर्धार्धर रखते हुए इसके खुले शिरे को पानी में इस तरह डुबाया जाता है कि इस नली का आधा हिस्सा पानी के सतह से ऊपर रहता है। तदुपरांत, नली के अन्दर पानी $h$ ऊँचाई तक चढ़ जाता है (चित्र देखिए) $\mid h$ का मान निम्न से ........... $cm$ निकतम है ? (मान लीजिए कि तापमान में कोई परिवर्तन नहीं होता है, वातावरण का दाब, $P_{\text {atmosphere }}=10^5 \,N / m ^2$, पानी का घनत्व $10^3 \,kg / m ^3$, गुरुत्वीय त्वरण, $g=$ $\left.10 \,m / s ^2 \mid\right)$
पानी से भरी एक बेलनाकार नलिका का तल चित्रानुसार है। यह नलिका $\theta=45^{\circ}$ कोण के एक स्थिर ढालयुक्त समतल पर एक नियत त्वरण $a$ से ढाल की दिशा में चल रही है। नलिका के तल पर स्थित बिन्दुओं $1$ और $2$ पर दाब क्रमशः $P _1$ और $P _2$ है। मान ले कि $\beta=\left(P_1-P_2\right) /(\rho g d)$, जहाँ $\rho$ पानी का घनत्व, $d$ नलिका का आन्तरिक व्यास तथा $g$ गुरूत्वीय त्वरण है। निम्न में से कौन सा(से) कथन सत्य है(हैं)?
$(A)$ $\beta=0$ when $a= g / \sqrt{2}$
$(B)$ $\beta>0$ when $a= g / \sqrt{2}$
$(C)$ $\beta=\frac{\sqrt{2}-1}{\sqrt{2}}$ when $a= g / 2$
$(D)$ $\beta=\frac{1}{\sqrt{2}}$ when $a= g / 2$
किसी त्रिभुजाकार पटल का क्षेत्रफल $A$ व ऊँचाई $ h $ है इसे $\rho $ घनत्व के द्रव में ऊध्र्वाधर इस प्रकार डुबोया जाता है कि, आधार द्रव तल पर रहें तो पटल पर उत्प्लावन बल होगा