$m$ द्रव्यमान का एक कण $r$ त्रिज्या के पथ पर एक समान वृत्तीय गति कर रहा है। यदि इसके रेखीय संवेग का परिमाण $p$ हो तो कण पर कार्यरत् त्रैज्यीय बल होगा
$pmr$
$\frac{{rm}}{p}$
$\frac{{m{p^2}}}{r}$
$\frac{{{p^2}}}{{rm}}$
$m$ द्रव्यमान के एक कण को $l$ लम्बाई की एक हल्की डोरी, जो कि $O$ पर स्थिर रुप से जुड़ी है, की सहायता से नियत चाल से क्षैतिज वृत्त में चित्रानुसार घुमाया जा रहा है, तो द्रव्यमान के सापेक्ष स्थिर प्रेक्षक की दृष्टि में द्रव्यमान पर कार्यरत् बलों का चित्रण है
सड़क तथा टायरों के बीच घर्षण गुणांक $0.25$ है। वह अधिकतम चाल जिससे एक कार $40$ मीटर त्रिज्या के वृत्ताकार मोड़ पर बिना फिसले मुड़ सके, ........ $ms^{-1}$ होगी ($g = 10$ मीटर/सैकण्ड$^{2}$)
मुड़ते समय कार कभी-कभी पलट जाती है। जब यह पलटती है,
कोई वायुयान अपने पंखों को क्षैतिज से $15^{\circ}$ के झुकाव पर रखते हुए $720\, km\, h ^{-1}$ की चाल से एक क्षैतिज लूप पूरा करता है। लूप की त्रिज्या क्या है ?
एक कार उत्तर की ओर एकसमान वेग से जा रही है।यह कीचड़ के एक टुकड़े के ऊपर से गुजरती है जो टायर से चिपक जाता है। जैसे ही टुकड़ा जमीन छोड़कर ऊपर की ओर उठता है, इसके कणों की गति होगी