एक समांगी विद्युत क्षेत्र $\mathop E\limits^ \to $ एवं एक एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र $\mathop B\limits^ \to $ एक ही दिशा में हैं। एक प्रोटॉन को विद्युत क्षेत्र $\mathop E\limits^ \to $ के समान्तर प्रक्षेपित किया जाता है, तब यह
उसी दिशा में गति करेगा एवं इसका वेग बढ़ता जाएगा
उसी दिशा में गति करेगा एवं इसका वेग नियत रहेगा
अपनी दाँयी ओर मुड़ जायेगा
अपनी बाँयी ओर मुड़ जायेगा
एक आवेशित कण जिस पर $1\, \mu C$ का आवेश है $(2 \hat{ i }+3 \hat{ j }+4 \hat{ k })\, ms ^{-1}$ वेग से चल रहा है। यदि कण के आस पास $(5 \hat{ i }+3 \hat{ j }-6 \hat{ k }) \times 10^{-3} \,T$ का चुम्बकीय क्षेत्र हो तो कण पर लगने वाला बल $\overline{ F } \times 10^{-9} \,N$ है। $\overline{ F }$ वेक्टर है।
एक इलेक्ट्रॉन एवं एक प्रोटॉन समान संवेग से किसी एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में अभिलम्बवत् प्रवेश करते है, तो
एक समरूप चुम्बकीय प्रेरण ‘$B$’ में, $M$ द्रव्यमान तथा $Q$ आवेश का एक कण $\mathop v\limits^ \to $ वेग से $R$ त्रिज्या का वृत्तीय पथ बनाते हुये गतिशील है। जब कण $1$ पूर्ण चक्र लगाता है तो क्षेत्र द्वारा किया गया कार्य है
एक प्रोटोन, एक डयूट्रॉन और एक $\alpha$-कण समान गतिज ऊर्जा से एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत् प्रवेश करते है। उनके संगत वृतीय पथो की त्रिज्याओं का अनुपात होगा-
एक इलेक्ट्रॉन पूर्व की दिशा में क्षैतिज गति कर रहा है। ऊध्र्वाधर नीचे की ओर कार्यरत एक चुम्बकीय क्षेत्र, इस इलेक्ट्रॉन पर निम्न दिशा में बल आरोपित होगा