एक खोखले विलगित चालक गोले को $+10\,\mu \,C$ का धन आवेश दिया जाता है। यदि गोले की त्रिज्या $2$ मीटर हो, तो उसके केन्द्र पर विधुत क्षेत्र ........$\mu \,C{m^{ - 2}}$ होगा:
$0$
$5$
$20$
$8$
$R$ त्रिज्या के किसी आवेशित चालक गोलीय कोश (खोल) के केन्द्र से $\frac{3 R}{2}$ दूरी पर विधुत क्षेत्र $E$ है। इसके केन्द्र से $\frac{R}{2}$ दूरी पर विधुत क्षेत्र होगा।
$6\,m$ त्रिज्या वाले एक गोले का आयतन आवेश घनत्व $2\,\mu C cm ^{-3}$ है। गोले के पृष्ठ से बाहर आ रही बल रेखाओं की प्रति इकाई पृष्ठ क्षेत्रफल संख्या $........\times 10^{10}\,NC ^{-1}$ होगी। [दिया है : निर्वात का परावैद्युतांक $\left.\epsilon_0=8.85 \times 10^{-12} C ^2 N ^{-1}- m ^{-2}\right]$
एक पतले अनन्त आवेशित तल एवं एक अनन्त रेखीय आवेश के आवेश घनत्व क्रमशः $+\sigma$ एवं $+\lambda$ हैं, जो कि एक-दूसरे से $5 \mathrm{~m}$ की दूरी पर एक-दूसरे के समानान्तर रखे हैं। रेखीय आवेश से आवेशित तल की तरफ क्रमशः $\frac{3}{\pi} \mathrm{m}$ एवं $\frac{4}{\pi} \mathrm{m}$ की लम्बवत दूरियों पर बिन्दू ' $P$ ' एवं ' $Q$ ' हैं। ' $E_P$ ' एवं ' $E_Q$ ' क्रमशः बिन्दु ' $P$ ' एवं ' $Q$ ' पर परिणामी विद्युत क्षेत्र की तीव्रताओं के परिमाण हैं। यदि $2|\sigma|=|\lambda|$ के लिए $\frac{E_p}{E_Q}=\frac{4}{a}$ है तो $a$ का मान_________है।
यहाँ आरेख में, किसी गोलाकार कोश (शैल) के कोटर के भीतर दो बिन्दु-आवेश $+ Q$ तथा $- Q$ दर्शाये गये हैं। ये आवेश कोटर की सतह के निकट इस प्रकार रखे गये हैं कि, एक आवेश कोश के केन्द्र की एक ओर है और दूसरा केन्द्र के विपरीत दूसरी ओर। यदि, भीतरी तथा बाहरी सतहों (पृष्ठों) पर, पृष्ठ आवेश क्रमशः $\sigma_{1}$ तथा $\sigma_{2}$ और नेट आवेश क्रमशः $Q_{1}$ तथा $Q _{2}$ हो तो :
परमाणु के प्रारंभिक प्रतिरूप में यह माना गया था कि आवेश $Z e$ का बिंदु आमाप का धनात्मक नाभिक होता है जो त्रिज्या $R$ तक एकसमान घनत्व के ऋणावेश से घिरा हुआ है। परमाणु पूर्ण रूप में विध्यूत उदासीन है। इस प्रतिसूप के लिए नाभिक से $r$ दूरी पर विध्यूत क्षेत्र कितना है?