$220\, V$ पर कार्य करने वाला एक हीटर पानी के किसी निश्चित आयतन को $5$ मिनट में गर्म कर देता है तो $110\, V$ पर कार्य करने वाला हीटर पानी के उतने ही आयतन को ................मिनट में गर्म करेगा
$5$
$8$
$10$
$20$
एक तापक कुण्डली (Heating coil) $220\, V$ की सप्लाई से जोड़े जाने पर ${P_1}$ शक्ति व्यय करती है। कुण्डली को दो बराबर भागों में काटकर इन भागों को समान्तर क्रम में जोड़ने पर व्यय शक्ति ${P_2}$ है। शक्तियों का अनुपात ${P_1}\,\,:\,\,{P_2}$ है
एक प्रतिरोध $300\,J$ की ऊष्मीय ऊर्जा $15\,s$ सेकण्ड में उत्पन्न करता है, जब $2\,A$ की धारा इससे प्रवाहित होती है। यदि धारा $3\,A$ तक बढ जाती है तो $10\,s$ में उत्पन्न ऊर्जा $J$ में ज्ञात कीजिये।
हीटर के दो समरूप फिलामेंटों को पहले समानान्तर क्रम में फिर श्रेणी क्रम में जोड़ा जाता है। समान आरोपित विभव के लिए, समान समय में समानान्तर क्रम में उत्पन्न ऊष्मा का श्रेणीक्रम में उत्पन्न ऊष्मा से अनुपात होगा:
टार्च में प्रयोग आने वाली $l$ लम्बाई की एक बैटरी को इस प्रकार बना मानिये कि इसमें $'a'$ त्रिज्या की एक बेलनाकार छड़ समअक्षीय $'b'$ त्रिज्या के एक बेलनाकार खोल (shell) के अन्दर है और इनके बीच का स्थान $\rho$ प्रतिरोधकता (resistivity) के एक इलैक्ट्रोलाइट से भरा हुआ है। (चित्र देखें)। यदि बैटरी $R$ मान के एक प्रतिरोध (resistance) से जोड़ा जाता है तो प्रतिरोध में अधिकतम जूल हीटिंग के लिये:
जब एक प्रतिरोधक से $4$ एम्पियर की धारा प्रवाहित की जाती है, तो $192\, J$ ऊर्जा एक सेकन्ड में क्षय होती है। यदि अब धारा को दो गुना कर दिया जाय तो $5$ सेकन्ड में क्षय उष्मीय ऊर्जा $.....\,J$ होती है।