बल $\mathop F\limits^ \to = (5\hat i + 3\hat j)$न्यूटन एक कण पर लगाया जाता है जो इसे मूल बिन्दु से $\mathop r\limits^ \to = (2\hat i - 1\hat j)$ मीटर तक विस्थापित कर देता है। बल द्वारा किया गया कार्य ........ $J$ होगा
$-7$
$+13$
$+7 $
$+11$
सही विकल्प को रेखांकित कीजिए :
$(a)$ जब कोई संरक्षी बल किसी वस्तु पर धनात्मक कार्य करता है तो वस्तु की स्थितिज ऊर्जा बढ़ती है/घटती है/अपरिवर्ती रहती है।
$(b)$ किसी वस्तु द्वारा घर्षण के विरुद्ध किए गए कार्य का परिणाम हमेशा इसकी गतिज/स्थितिज ऊर्जा में क्षय होता है।
$(c)$ किसी बहुकण निकाय के कुल संवेग-परिवर्तन की दर निकाय के बाह्य बल/आंतरिक बलों के जोड़ के अनुक्रमानुपाती होती है।
$(d)$ किन्हीं दो पिंडों के अप्रत्यास्थ संघट्ट में वे राशियाँ, जो संघट्ट के बाद नहीं बदलती हैं; निकाय की कुल गतिज ऊर्जा/कुल रेखीय संवेग/कुल ऊर्जा हैं।
बतलाइए कि निम्नलिखित कथन सत्य हैं या असत्य। अपने उत्तर के लिए कारण भी दीजिए।
$(a)$ किन्हीं दो पिंडों के प्रत्यास्थ संघट्ट में, प्रत्येक पिंड का संवेग व ऊर्जा संरक्षित रहती है।
$(b)$ किसी पिंड पर चाहे कोई भी आंतरिक व बाह्य बल क्यों न लग रहा हो, निकाय की कुल ऊर्जा सर्वदा संरक्षित रहती है।
$(c)$ प्रकृति में प्रत्येक बल के लिए किसी बंद लूप में, किसी पिंड की गति में किया गया कार्य शून्य होता है।
$(d)$ किसी अप्रत्यास्थ संघट्ट में, किसी निकाय की अंतिम गतिज ऊर्जा, आरंभिक गतिज ऊर्जा से हमेशा कम होती है ।
निम्नलिखित का उत्तर ध्यानपूर्वक, कारण सहित दीजिए :
$(a)$ किन्हीं दो बिलियर्ड-गेंदों के प्रत्यास्थ संघट्ट में, क्या गेंदों के संघट्ट की अल्पावधि में ( जब वे संपर्क में होती हैं) कुल गतिज ऊर्जा संरक्षित रहती है ?
$(b)$ दो गेंदों के किसी प्रत्यास्थ संघट्ट की लघु अवधि में क्या कुल रेखीय संवेग संरंक्षित रहता है ?
$(c)$ किसी अप्रत्यास्थ संघट्ट के लिए प्रश्न $(a)$ व $(b)$ के लिए आपके उत्तर क्या हैं ?
$(d)$ यदि दो बिलियर्ड-गेंदों की स्थितिज ऊर्जा केवल उनके केंद्रों के मध्य, पृथक्करण-दूरी पर निर्भर करती है तो संघट्ट प्रत्यास्थ होगा या अप्रत्यास्थ ? (ध्यान दीजिए कि यहाँ हम संघट्ट के दौरान बल के संगत स्थितिज ऊर्जा की बात कर रहे हैं, ना कि गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा की )
$M_1$ द्रव्यमान की एक वस्तु विरामावस्था में रखी $M_2$ द्रव्यमान की एक अन्य वस्तु के साथ प्रत्यास्थ संघट्ट करती है तो अधिकतम ऊर्जा स्थानान्तरण होगा, जब
$m$ द्रव्यमान का एक पिण्ड विराम से ${t_1}$ समय में $v$ वेग प्राप्त कर लेता है। इस पिण्ड पर $t$ समय में किया गया कार्य, समय $t$ के फलन के रुप में होगा