कोई डयूटैरॉन और कोई एल्फा कण, जिनकी गतिज ऊर्जा समान हैं किसी समान चुम्बकीय क्षेत्र में लम्बवत प्रवेश करते हैं। मान लीजिए इनके वत्तीय पथों की त्रिज्याएं क्रमशः $r_{d}$ और $r_{\alpha}$ हैं, तब $\frac{r_{d}}{r_{\alpha}}$ का मान होगा।
$\sqrt{2}$
$1$
$2$
$\frac{1}{\sqrt{2}}$
समान गतिज ऊर्जा के ${H^ + },\,H{e^ + }$ तथा ${O^{ + + }}$ आयन एक ऐसे क्षेत्र से होकर गुजरते हैं जहाँ एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र $B$ आयन के वेग के लम्बवत् हैं। आयन ${H^ + },\,H{e^ + }$ तथा ${O^{ + + }}$ के द्रव्यमान क्रमश: $1:4:16 $ के अनुपात में है। परिणामस्वरुप
एक इलेक्ट्रॉन (द्रव्यमान$ = 9 \times {10^{ - 31}}$ कि ग्रा आवेश $ = 1.6 \times {10^{ - 19}}$ कूलम्ब) $9 \times {10^{ - 5}}$ वेबर/मी$^2$ के चुम्बकीय क्षेत्र में वृत्ताकार मार्ग पर चक्कर लगा रहा है। इसी इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा $7.2 \times {10^{ - 18}}\,J$ है। मार्ग की त्रिज्या .......$cm$ है
एक गतिमान इलेक्ट्रॉन पर $1500\, V / m$ तीव्रता का एक विद्युत क्षेत्र एवं $0.40\, wb/m^2$ तीव्रता का एक चुम्बकीय क्षेत्र कार्यरत है। एक सरल रेखा के अनुदिश इसका न्यूनतम वेग
एक प्रोटॉन, एक ड्यूट्रॉन एवं एक $\alpha - $ कण एकसमान गतिज ऊर्जा से एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में वृत्तीय पथों पर गति कर रहे हैं। यदि ${r_p},\,{r_d}$ तथा ${r_\alpha }$ इनके पथों की त्रिज्यायें हैं तो
एक कण जिस पर ${10^{ - 11}}\,coulomb$ का आवेश है तथा जिसका द्रव्यमान ${10^{ - 7}}\,kg$ है $y$-अक्ष की दिशा में ${10^8}\,m/s$ के वेग से चल रहा है। $x$-दिशा मे एकसमान स्थिर चुम्बकीय क्षेत्र $B = 0.5\,Tesla$ कार्यरत है। कण पर लगा बल होगा