एक बेलनाकार छड़ जिसका एक सिरा भाप कक्ष में एवं दूसरा बर्फ में रखने पर $0.1$ ग्राम बर्फ प्रति सैकण्ड पिघलती है। यदि दूसरी छड़ जिसकी लम्बाई पहली की आधी एवं त्रिज्या दुगनी हो उपयोग में लायी जाए, जिसकी ऊष्मा चालकता पहली छड़ की $\frac{1}{4}$ गुनी है, तब बर्फ पिघलने की दर ग्राम/सैकण्ड में होगी
$3.2$
$1.6$
$0.2$
$0.1$
जब किसी रूई से लपेटे गये छड़ के दो सिरों को विभिन्न तापों पर बनाए रखा जाता है, तब
स्टील एवं ताँबे की दो छड़ों की ऊष्मीय चालकता क्रमशः $K _1$ एवं $K _2$, लम्बाई $L _1$ एवं $L _2$ तथा अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल $A _1$ एवं $A _2$ इस प्रकार हैं कि $\frac{K_2}{K_1}=9, \frac{A_1}{A_2}=2, \frac{L_1}{L_2}=2$ है, तो चित्र में दिखाई गई व्यवस्था के लिए, साम्यावस्था में, स्टील एवं ताँबें की संधि पर तापमान $(T)$ का मान $.........^{\circ}C$ होगा :
निम्नचित्र में$r_1$ तथा $r_2$ त्रिज्याओं के दो संकेन्द्री गोलों का एक निकाय दर्शाया गया है जिन्हें क्रमश: $T_1$ तथा $T_2$ तापों पर रखा गया है। दोनों संकेन्द्री गोलों के बीच के पदार्थ में ऊष्मा के त्रिज्यीय प्रवाह की दर समानुपाती है
एक ही धातु की बनी एवं समान अनुप्रस्थ काट की दो छड़ों की लम्बाया क्रमश: $0.6 m$ तथा $0.8 m$ हैं। प्रथम छड़ के सिरों का ताप ${90^o}C$ तथा ${60^o}C$ एवं द्वितीय छड़ के सिरों का ताप $150°C$ तथा ${110^o}C$ है। किस छड़ में ऊष्मा चालन की दर अधिक होगी
दो भिन्न पदार्थों का ऊष्मा चालकता गुणांकों का अनुपात $5 : 4$ है। यदि इन पदार्थों की दो छडे़ं जिनका अनुप्रस्थ परिच्छेद क्षेत्रफल बराबर है और इनका ऊष्मीय प्रतिरोध बराबर हैं, तो उनकी लम्बाइयों का अनुपात होगा