त्रिज्या $R$ का एक बेलन एक बेलनाकार कोश, जिसकी आंतरिक त्रिज्या $R$ तथा बाह्य त्रिज्या $2 R$ है, से घिरा है। आंतरिक बेलन की ऊष्मा चालकता $K_{1}$ तथा बाहय बेलन की ऊष्मा चालकता $K _{2}$ है। माना कि बेलनों से ऊष्मा क्षय शून्य है, तो इस निकाय की प्रभावी ऊष्मा चालकता, जबकि ऊष्मा का प्रवाह बेलन की लम्बाई के अनुदिश है, होगी।

  • [JEE MAIN 2019]
  • A

    $\frac{{{K_1} + {K_2}}}{2}$

  • B

    $K_1 + K_2$

  • C

    $\frac{{2{K_1} + {3K_2}}}{5}$

  • D

    $\frac{{{K_1} + {3K_2}}}{4}$

Similar Questions

यदि ताँबे की एक छड़ का अर्द्धव्यास और लम्बाई दोनों को ही दुगुना कर दिया जाये, तब उसमें बहने वाली ऊष्मा की दर ....... गुना बढ़ जाती है

स्थायी अवस्था में छड़ के सिरों का ताप ${100^o}C$ एवं ${0^o}C$ है, यदि छड़ की लम्बाई $20$ सेमी है तो गर्म सिरे $A$ से $6$ सेमी की दूरी पर छड़ का ताप....... $^oC$ होगा

चार सर्वसम धात्विक छड़ों को मिलाकर एक वर्ग बनाया गया है। इस वर्ग के दो विकर्ण अभिमुख $(Diagonally\,\, opposite)$ बिन्दुओं के ताप स्थायी अवस्था में क्रमश: $T$ व $\sqrt 2 $ $T$ हैं। यह मानते हुए कि ऊष्मा का केवल चालन होता है, वर्ग के अन्य दो बिन्दुओं के बीच तापान्तर होगा

एक छड़ की $25$ सेमी लम्बाई ताँबे की एवं $10$ सेमी निकिल एवं $15$ सेमी लम्बाई एल्युमीनियम की बनी है। प्रत्येक एक-दूसरे से पूर्णत: ऊष्मीय संतुलन में हैं। ताँबे की छड़ का एक सिरा $100^\circ C$ तथा एल्युमीनियम का बाह्य सिरा $0^\circ C$ पर है। पूर्ण $50$ सेमी लम्बी छड़ को एक पट्टे से ढका गया है, जिससे उनके पृष्ठों से ऊष्मा हानि नहीं होती है। $K$(ताम्बा) $= 0.92;$ ${K}$(एलुमिनियम) $=0.5$; ${K}$(निकिल) $= 0.14$ $CGS$ मात्रक हैं, तो $Cu - Ni$ और $Ni - Al$ सन्धियों पर क्रमश: ताप होगा

उदाहरण चित्र में दर्शाए अनुसार लोहे की किसी छड़ $\left(L_{1}=0.1 m , A _{1}=0.02 m ^{2}, K_{1}=79\right.$ $W m ^{-1} K ^{-1}$ ) को किसी पीतल की छड़ $\left( L _{2}=0.1 m \right.$ $A_{2}=0.02 m ^{2}, K_{2}=109 W m ^{-1} K ^{-1}$ ) के साथ सिरे से सिरे को मिलाकर डाला गया है। लोहे की छड़ तथा पीतल की छड़ के स्वतंत्र सिरों को क्रमश: $373\, K$ तथा $273 \,K$ पर स्थापित किया गया है। $(i)$ दोनों छड़ों की संधि पर ताप, $(ii)$ संयुक्त छड़ की तुल्य ऊष्मा चालकता, तथा $(iii)$ संयुक्त छड़ में ऊष्मा प्रवाह की दर के लिए व्यंजक निकालिए तथा परिकलित कीजिए।