एक ठोस धात्विक घन को एक समान रूप से गर्म किया जाता है, जिसका कुल पृप्ठीय क्षेत्रफल 24 $m ^2$ है। यदि इसके घन के तापमान को $10^{\circ} C$ बढ़ाया जाता है, तो इसके आयतन में वृद्धि ज्ञात करें (दिया गया है : $\alpha=5.0 \times 10^{-4}{ }^{\circ} C ^{-1}$ )
$1.5$
$5.8$
$2.9$
$3.8$
$100°C$ ताप पर स्थित $1$ ग्राम भाप $0°C$ पर स्थित बर्फ की ....... $gm$ मात्रा पिघलायेगी $($बर्फ की गुप्त ऊष्मा $= 80 \,cal/gm$ एवं भाप की गुप्त ऊष्मा $= 540\, cal/gm)$
$1 \,kg$ बर्फ, जिसका तापमान $-20^{\circ} C$ है, को $2 \,kg$ जल, जिसका तापमान $90^{\circ} C$ है, के साथ मिलाया जाता है । यदि मान लें कि वातावरण में ऊर्जा क्षय शून्य है, तब मिश्रण का अंतिम तापमान .............. $^{\circ} C$ होगा? (मान लें कि बर्फ की गुप्त ऊष्मा $334.4 \,kJ / kg$ है, एवं जल तथा बर्फ की विशिष्ठ ऊष्मा क्रमश: $4.18 \,kJ /( kg . K )$ तथा $2.09 \,kJ /( kg . K )$ है)
$0°C$ पर स्थित $50\, gm$ बर्फ एक कुचालक पात्र में रखी है। इसमें $100°C$ वाले $50\,gm$ जल को मिलाया जाता है। तब मिश्रण का अन्तिम ताप होगा (ऊष्मा क्षय नगण्य है)
बर्फ का कोर्ई टुकड़ा ऊँचार्ई $h$ से इस प्रकार गिरता है कि वह पूर्णत: पिघल जाता है । उत्पत्र होने वाली ऊष्मा का केवल एक-चौथार्ई भाग ही बर्फ द्वारा अवशोषित किया जाता है तथ बर्फ की समस्त ऊर्जा इसके गिरते समय ऊप्मा में रूपान्तरित हो जाती है । यदि बफ्फ की गुप्त ऊष्मा $3.4 \times 10^{5} \;J / kg$ तथा $g =10\; N / kg$ है, तो ऊँचाई $h$ का मान.........$k/m$ है
जब $0^{\circ} \,C$ के $0.15\, kg$ हिम को किसी पात्र में भरे $50^{\circ}\, C$ के $0.30 \,kg$ जल में मिलाया जाता है तो मिश्रण का परिणामी ताप $6.7^{\circ}\, C$ हो जाता है। हिम के संगलन की ऊष्मा परिकलित कीजिए। $(s_{\text {water }}=4186 J kg ^{-1} K ^{-1}$ ).