एक निश्चित तार की लम्बाई से $1$ फेरे की वृत्ताकार कुंडली बनाई जाती है। अब इसी तार की लम्बाई से $2$ फेरो वाली वृत्ताकार तार की कुंडली बनाई जाती है। यदि दोनों कुंडलियों में समान धारा प्रवाहित करे, तो इनके केन्द्रो पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र का अनुपात होगा:

  • [AIPMT 1998]
  • A

    $4 : 1$

  • B

    $1 : 4$

  • C

    $2 : 1$

  • D

    $1 : 1$

Similar Questions

निम्न चित्र में एक खोखले बेलनाकार चालक का अनुप्रस्थ परिच्छेद दिखाया गया है। जिसकी आंतरिक त्रिज्या $R$ एवं बाहरी त्रिज्या  $2R$ है। बेलन से समान रूप से वितरित अक्ष के अनुदिश धारा बह रही है। बेलन के अक्ष से $\frac{{3R}}{2}$ की दूरी पर स्थित बिन्दु $P$ पर चुम्बकीय प्रेरण होगा

$5$ सेमी. त्रिज्या वाली एक वृत्ताकार कुण्डली में धारा का  मान .......$A$ होना चाहिए जिससे यह पृथ्वी में क्षैतिज घटक ${B_H} = 5 \times {10^{ - 7}}\,T,$ को निरस्त कर सके

निम्न में से कौनसी राशि सदिश है

दो संकेन्द्री कुण्डलियाँ, जिनमें प्रत्येक की त्रिज्या $2\pi \,{\rm{ }}cm$ है, एक-दूसरे के लम्बवत् रखी हैं। इनमें से एक कुण्डली में $3$ ऐम्पियर तथा दूसरी में $4$ ऐम्पियर धारा प्रवाहित हो रही है। इन कुण्डलियों के केन्द्र पर बेवर प्रति मीटर$^2$ में चुम्बकीय प्रेरण होगा $({\mu _0} = 4\pi  \times {10^{ - 7}}\,Wb/A.m)$

  • [AIEEE 2005]

एक अनंत लम्बाई के सीधे धारावाही चालक को चित्र में दिखाये अनुसार मोड़ा जाता है। इस लूप की त्रिज्या $r$ है तथा इसमें से $i$ धारा बह रही है। तब इसके केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता होगी