$N$-फेरों वाली कुण्डली में चित्रानुसार $I$ धारा प्रवाहित हो रही है। बिन्दु $P$ पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता होगी

128-108

  • A

    $\frac{{{\mu _0}NI{R^2}}}{{2{{({R^2} + {x^2})}^{3/2}}}}$

  • B

    $\frac{{{\mu _0}NI}}{{2R}}$

  • C

    $\frac{{{\mu _0}NI{R^2}}}{{{{(R + x)}^2}}}$

  • D

    शून्य

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निम्न में $n$ फेरों व $r$ त्रिज्या वाली कुण्डली के कारण उसके अक्ष पर $x$ दूरी पर स्थित बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र निम्न के समानुपाती होता है

एक परिपथ का सीधा भाग $PQ$, $X$-अक्ष के अनुदिश है जो $x =  - \frac{a}{2}$ एवं $x = \frac{a}{2}$ के बीच रखा है। इसमें से अचर धारा i प्रवाहित हो रही है। इस भाग $PQ$ द्वारा $X = + a$  बिन्दु पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र होगा

एक $r$ त्रिज्या एवं $n$ फेरों वाली वृत्तीय कुण्डली में प्रवाहित धारा $i$ के कारण उत्पन्न चुम्बकीय आघूर्ण किस प्रकार परिवर्तित होता है

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