एक आवेश $v$ वेग से $X$-अक्ष की दिशा मे गति कर रहा है चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा ऋण $X$-अक्ष की दिशा में है परिणामस्वरुप
आवेश अप्रभावित रहेगा
आवेश $Y-Z$ तल में वृत्तीय पथ के अनुदिश गति करना प्रारम्भ करेगा
आवेश $X$-अक्ष के अनुदिश मंदित होगा
$X$-अक्ष के चारों ओर हेलिकल पथ पर गति करेगा
एक इलेक्ट्रॉन तथा एक प्रोटॉन की गतिज ऊर्जायें समान हैं। ये दोनों चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत् प्रवेश करते हैं, तो
एक आवेशित कण एक साइक्लोट्रॉन में एक समान चुम्बकीय क्षेत्र में वृत्तीय पथ के अनुदिश गति करता है। आवेशित कण की गतिज ऊर्जा इसके प्रारम्भिक ऊर्जा से $4$ गुनी तक बढ़ जाती है। आवेशित कण के वृत्तीय पथ की नई त्रिज्या एवं मूल त्रिज्या का अनुपात क्या होगा ?
यदि प्रोटॉनों की दो किरणावली एक-दूसरे के समान्तर एवं एक ही दिशा में जा रही हैं, तो वे
एक इलेक्ट्रॉन पूर्व दिशा में गति कर रहा है। यदि ऊपर की ओर एक चुम्बकीय क्षेत्र आरोपित किया जाये तो इलेक्ट्रॉन विक्षेपित होगा
द्रव्यमान संख्या $A_M$ के एक धनात्मक एकल आयनित (singly ionized) परमाणु को विरामावस्था से, विभवान्तर $192 \ V$ द्वारा त्वरित किया जाता है जिसके बाद वह एक चुम्बकीय क्षेत्र, $\vec{B}_0=0.1 \hat{k}$ Tesla, युक्त $w$ चौड़ाई के एक आयताकार क्षेत्र में, चित्रानुसार प्रवेश करता है| अंततः यह आयन एक संसूचक (detector) पर अपने आरंभिक पथ से नीचे दूरी $x$ पर टकराता है|
[दिया है: न्यूट्रॉन/प्रोटोन का द्रव्यमान $=(5 / 3) \times 10^{-27} kg$, इलेक्ट्रान का आवेश $=1.6 \times 10^{-19} C$ ]
निम्न में से कौन सा/से विकल्प सही है (हैं)?
$(A)$ $H^{+}$आयन के लिए $x$ का मान $4 cm$ है।
$(B)$ $A_{ M }=144$ के आयन के लिए $x$ का मान $48 cm$ है|
$(C)$ $1 \leq A_M \leq 196$ के आयनों को संसूचित करने के लिए संसूचक की ऊंचाई $\left(x_1-x_0\right)$ का न्यूनतम मान
$55 cm$ है
$(D)$ $A_{ M }=196$ के आयन को संसूचित करने के लिए चुम्बकीय क्षेत्र वाले आयत की न्यूनतम चौड़ाई $w$ का मान $56 cm$ है।