एक आवेशित कण एक साइक्लोट्रॉन में एक समान चुम्बकीय क्षेत्र में वृत्तीय पथ के अनुदिश गति करता है। आवेशित कण की गतिज ऊर्जा इसके प्रारम्भिक ऊर्जा से $4$ गुनी तक बढ़ जाती है। आवेशित कण के वृत्तीय पथ की नई त्रिज्या एवं मूल त्रिज्या का अनुपात क्या होगा ?

  • [JEE MAIN 2022]
  • A

    $1: 1$

  • B

    $1: 2$

  • C

    $2: 1$

  • D

    $1: 4$

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कोई डयूटैरॉन और कोई एल्फा कण, जिनकी गतिज ऊर्जा समान हैं किसी समान चुम्बकीय क्षेत्र में लम्बवत प्रवेश करते हैं। मान लीजिए इनके वत्तीय पथों की त्रिज्याएं क्रमशः $r_{d}$ और $r_{\alpha}$ हैं, तब $\frac{r_{d}}{r_{\alpha}}$ का मान होगा।

  • [JEE MAIN 2021]

एक ऋणात्मक परीक्षण आवेश, एक सीधे लम्बे तार, जिसमें धारा बह रही है, के निकट चल रहा है। परीक्षण आवेश पर लगने वाला बल धारा की दिशा के समान्तर है। आवेश की गति होगी

  • [JEE MAIN 2017]

निम्न में से कौनसा कथन सत्य है

एक इलेक्ट्रॉन $+ x$ दिशा में $6 \times 10^{6} \,ms ^{-1}$ की चाल से चल रहा है। यह $+ y$ दिशा में लगने वाले $300\, V / cm$ के एक समान वैधुत क्षेत्र में प्रवेश करता है। यदि इलेक्ट्रॉन $x$ दिशा में ही चलता रहता है तो इस स्थान पर उपस्थित चुम्बकीय क्षेत्र का परिमाण और दिशा होंगे।

  • [JEE MAIN 2020]

$m$  द्रव्यमान एवं $q$ आवेश से आवेशित एक कण ${H^ + },\,H{e^ + }$ -अक्ष के अनुदिश $v$ वेग से गति करता हुआ विद्युत क्षेत्र $E$ एवं चुम्बकीय क्षेत्र $B$ में प्रवेश करता है। निम्न में से किस चित्र में आवेश पर लगने वाला बल शून्य हो सकता है