एक वस्तु मूलबिन्दु से विरामावस्था में $x-$अक्ष की दिशा में $6$ मी/से$^2$ के त्वरण और $y-$अक्ष की दिशा में $8$ मी/से$^2$ के त्वरण के साथ चलती है, $4$ सेकण्ड पश्चात मूलबिन्दु से इसकी दूरी होगी
$56 $
$64$
$80$
$128 $
$x-y$ समतल में कण की गति निम्न समीकरणो $x =4 \sin \left(\frac{\pi}{2}-\omega t \right) m$ तथा $y =4 \sin (\omega t ) m$. द्वारा व्यक्त की जाती है। कण का पथ होगा-
समय $t =0$ पर एक कण बिन्दु $(2.0 \hat{ i }+4.0 \hat{ j }) \,m$ से, आरम्भिक वेग $(5.0 \hat{ i }+4.0 \hat{ j }) \,ms ^{-1}$ से, गतिशील है। यह एक स्थिर त्वरण $(4.0 \hat{ i }+4.0 \hat{ j }) \,ms ^{-2}$ उत्पन्न करने वाले एक स्थिर बल के प्रभाव में चलता है। समय $2 \,s$ पर कण की मूल बिन्दु से दूरी क्या होगी ?
एक प्रक्षेपण (projectile) को समतल धरातल से गति $v$ तथा प्रक्षेप कोण $\theta$ से प्रक्षेपित किया गया है। जब गुरूत्वाकर्षण के कारण त्वरण $g$ है तो प्रक्षेपण की परास $d$ है। यदि अपने प्रक्षेप पथ की अधिकतम ऊँचाई पर, प्रक्षेपण एक अन्य क्षेत्र में प्रवेश करता है जिसका प्रभावी त्वरण (effective acceleration) $g^{\prime}=\frac{g}{0.81}$ है तब नयी परास $d^{\prime}$ $=n d$ है। $n$ का मान है।. . . . . .
जहाज $A$ वेग $\overrightarrow{ v }=30 \hat{ i }+50 \hat{ j } \,km / hr$ से उत्तर-पूर्व दिशा में जलयात्रा कर रहा है जहाँ $\hat{i}$ पूर्व तथा $\hat{j}$ उत्तर की ओर इंगित है। जहाज $B$, जहाज $A$ से $80\, km$ पूर्व की ओर $150 km$ उत्तर की ओर, दूरी पर स्थित है और पश्चिम की ओर $10 \,km / hr$ की चाल से जलयात्रा कर रहा है। $A$ से $B$ की दूरी न्यूनतम $......\,hrs$ होगी ।