एक $m$ द्रव्यमान के पिण्ड को एक गहरी खदान की तली में ले जाया जाता है तो
इसका द्रव्यमान बढ़ता है
इसका द्रव्यमान घटता है
इसका भार बढ़ता है
इसका भार घटता है
एक ग्रह का द्रव्यमान तथा व्यास, पृथ्वी की संगत राशियों का तीन गुना है। पृथ्वी पर एक सरल लोलक का आवर्तकाल $2\, s$ है। उसी लोलक का ग्रह पर आवर्तकाल होगा।
दिए गए पथ्वी के आरेख में बिन्दु $A$ और बिन्दु $C$ पर गुरूत्वीय त्वरण का मान समान है, परन्तु गुरूत्वीय त्वरण का यह मान बिन्दु $B$ (पथ्वी के पष्ठ) पर गुरूत्वीय त्वरण के मान से कम है। $OA : AB$ का मान $x : y$ होगा। $x$ का मान ........ हैं।
$100\, kg$ द्रव्यमान का कोई व्यक्ति अंतरिक्षयान द्वारा पथ्वी से मंगल की यात्रा करता है। आकाश के सभी पिण्डों की उपेक्षा कीजिए और पथ्वी और मंगल के पष्ठों पर गुरूत्वीय त्वरण के मान क्रमशः $10 \,m / s ^{2}$ और $4\, m / s ^{2}$ लीजिए। नीचे दिए गए आरेख से उस वक्र को पहचानिए जो समय के फलन के रूप में यात्री के भार के लिए सबसे अधिक उपयुक्त हो।
पृथ्वी को एकसमान घनत्व का गोला मानते हुए पृथ्वी तल से $100$ किलोमीटर की गहराई पर एक खदान में गुरुत्वीय त्वरण का मान ........ $m/{s^2}$ होगा
यदि पृथ्वी को $R$ त्रिज्या का एक गोला माना जाये तथा यदि $30^\circ $ अक्षांश पर गुरुत्वीय त्वरण का मान $g_{30}$ तथा भूमध्य रेखा पर $g$ हो तो $g - {g_{{{30}^o}}}$ का मान होगा