तेज गति वाले $\alpha-$कण पुंज एक पतली सोने की फिल्म पर गिरते हैं। निम्न चित्र में पुंज के आपतित भाग $A, B$ और $C$ के सापेक्ष संचरित व परावर्तित भाग $A', B'$ और $C'$ प्रदर्शित हैं। $\alpha$-कणों की संख्या
$B'$ में न्यूनतम एवं $C'$ में अधिकतम है
$A'$ में अधिकतम एवं $B'$ में न्यूनतम है
$A'$ में न्यूनतम एवं $B'$ में अधिकतम है
$C'$ में न्यूनतम एवं $B'$ में अधिकतम है
यदि रदरफोर्ड प्रयोग में, ${90^o}$ कोण पर प्रकीर्णित कणों की संख्या $28/$ मिनट है। तो ${60^o}$ तथा ${120^o}$ कोण पर प्रकीर्णित कणों की संख्याऐं होंगी
हाइड्रोजन जैसे परमाणु में $n = 4$ से $n = 3$ अवस्था में संक्रमण होने पर पराबैंगनी विकिरण उत्सर्जित होते हैं, तो अवरक्त विकिरण किस संक्रमण में उत्सर्जित होंगे
निम्न कथनों पर विचार करें :
$(I)$ एक तत्व के सभी समस्थानिकों में न्यूट्रॉनों की संख्या समान होती है।
$(II)$ एक तत्व का केवल एक ही समस्थानिक स्थायी तथा रेडियोअक्रिय हो सकता है।
$(III)$ सभी तत्वों के समस्थानिक होते हैं।
$(IV)$ कार्बन के सभी समस्थानिक ऑक्सीजन - 16 के साथ रासायनिक यौगिक बना सकते हैं।
समस्थानिक के लिए सही विकल्प होगा
हाइड्रोजन परमाणु में इलेक्ट्रॉन एवं प्रोटॉन के मध्य गुरुत्वाकर्षण, कूलॉम-आकर्षण से लगभग $10^{-40}$ के गुणक से कम है। इस तथ्य को देखने का एक वैकल्पिक उपाय यह है कि यदि इलेक्ट्रॉन एवं प्रोटॉन गुरुत्वाकर्षण द्वारा आबद्ध हों तो किसी हाइड्रोजन परमाणु में प्रथम बोर कक्षा की त्रिज्या का अनुमान लगाइए। आप मनोरंजक उत्तर पाएँगे।
परमाणुओं की संरचना को निकालने के लिये रदफफोर्ड प्रकीर्णन प्रयोग में इस्तेमाल किये गये कणों की