$0.1$ किग्रा द्रव्यमान की एक गेंद $30$ मी/सैकण्ड की चाल से बल्ले से टकराती है तथा विपरीत दिशा में $40$ मी/सैकण्ड की चाल से वापस लौटती है। तब आवेग है (वेग की अंतिम दिशा धनात्मक मानी जाये)
$ - 0.1 \times (40) - 0.1 \times (30)$
$0.1 \times (40) - 0.1 \times ( - 30)$
$0.1 \times (40) + 0.1 \times ( - 30)$
$0.1 \times (40) - 0.1 \times (20)$
किसी पिण्ड पर $250 $ न्यूटन का बल आरोपित करने पर उसे $125$ किग्रा $ \times $ मी/सैकण्ड संवेग प्राप्त होता है। पिण्ड पर ........ सैकण्ड तक बल कार्य करता है
निम्न कथन पर विचार करें - ‘‘किसी ऊँचाई से कूदते समय, जैसे ही आप विराम में आते हैं अपने पैर दृढ़ रखने के बजाय मोड़ लेते हैं।’’ निम्न में से कौनसा संबंध कथन को समझाने के लिए उपयोगी होगा
$10\,kg$ द्रव्यमान का कोई पिण्ड, क्षैतिज से $45^{\circ}$ के कोण पर प्रक्षेपित किया जाता है। पिण्ड का प्रक्षेप्य पथ एक बिन्दु $(20,10)$ से होता हुआ गुजरता है। यदि उड्डयन काल $T$ है, तो समय $t =\frac{ T }{\sqrt{2}}$ पर संवेग सदिश होगा $..........$ [दिया है : $g =10\,m / s ^2$ ]
$m$ द्रव्यमान की एक गेंद ऊँचाई $h_1$ से ऊध्र्वाधरत: नीचे की ओर गिरती है, तथा ${h_2}$ ऊँचाई तक उछलती है। जमीन तल से टकराने पर गेंद के संवेग में परिवर्तन होगा
$100 \,gm$ द्रव्यमान की लोहे की एक गेंद $10\, m/s$ के वेग से एक दीवार से ${30^o}$ के कोण पर टकराती है तथा समान कोण से वापस लौटती है यदि गेंद व दीवार के बीच सम्पर्क समय $1 $ सैकण्ड हो, तो दीवार द्वारा अनुभव किया गया बल ............ $\mathrm{N}$ है