किसी पिण्ड पर $250 $ न्यूटन का बल आरोपित करने पर उसे $125$ किग्रा $ \times $ मी/सैकण्ड संवेग प्राप्त होता है। पिण्ड पर ........ सैकण्ड तक बल कार्य करता है
$0.5$
$0.2 $
$0.4$
$0.25$
$10\,kg$ द्रव्यमान की एक वस्तु $10\,m/sec$ के वेग से नियत गति करती है। अब इस पर एक नियत बल $4\,sec$ के लिए आरोपित किया जाता है जिससे इसका वेग विपरीत दिशा में $2\,m/sec$ हो जाता है।, वस्तु पर कार्यरत आवेग ........ न्यूटन$ \times $सैकण्ड है
एक कण नियत चाल से एक सरल रेखीय मार्ग पर गतिमान है। बल की आवश्यकता नहीं होगी
एक गोली किसी बंदूक से दागी जाती है। गोली पर लगने वाले बल को $F = 600 - 2 \times {10^5}t$ द्वार व्यक्त किया जाता है जहाँ $F$ न्यूटन में तथा $t$ सैकण्ड में है। जैसे ही गोली बंदूक की नली से बाहर निकलती है, उस पर लगने वाला बल शून्य हो जाता है। गोली का औसत आवेग ........... $N-s$ है
$m$ द्रव्यमान का एक कण प्रारंभ में विरामावस्था में हैं, इस पर एक परिवर्ती बल $F$ अल्प समय $T$ के लिए लगाया जाता है। जब बल कार्य करना बंद कर देता है, तब कण $u$ वेग से गति करता है। ग्राफ में बल $F$ व समय $t$ के बीच का संबंध प्रदर्शित है, जो कि एक अर्द्ववृत्त है। $u$ का मान है
द्रव्यमान $m$ की एक गेंद $v$ चाल से एक दीवार से लंबवत् टकराती है तथा उसी प्रकार लंबवत् वापस लौटती है, यदि दीवार के साथ गेंद का संपर्क समय $t$ हो तब गेंद द्वारा दीवार पर आरोपित बल होगा