एक $12\,pF$ के संधारित्र को $50$ वोल्ट की बैटरी से जोड़ा गया है। संधारित्र में संचित स्थिर वैद्युत ऊर्जा है

  • A

    $1.5 \times {10^{ - 8}}\,J$

  • B

    $2.5 \times {10^{ - 7}}\,J$

  • C

    $3.5 \times {10^{ - 5}}\,J$

  • D

    $4.5 \times {10^{ - 2}}\,J$

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धातु के एक गोले से उत्पत्र विद्युत क्षेत्र में संचित ऊर्जा का मान $4.5 \;J$ है। यदि गोले में निहित आवेश $4 \mu C$ हो तो उसकी त्रिज्या का मान होगा : [दिया है : $\left.\frac{1}{4 \pi \varepsilon_{0}}=9 \times 10^{9}\; N - m ^{2} / C ^{2}\right]$

  • [JEE MAIN 2017]

धारिता $C$ और $C / 2$ के दो संधारित्रों को चित्र के अनुसार $V-$वोल्ट की बैट्री से जोड़ा गया है।

दोनों संधारित्रों को पूर्ण आवेशित करने में किया गया कार्य होगा-

  • [AIPMT 2007]

दो छोटे गोलाकार परस्पर $r$ दूरी पर रखे गये हैं। प्रत्येक पर  $q$ वैद्युत आवेश है। यदि एक गोलाकार को दूसरे गोलाकार के चारों ओर $r$ त्रिज्या के वृत्तीय पथ पर घुमाया जाता है तो सम्पन कार्य होगा

${C_0}$ धारिता के समान्तर प्लेट संधारित्र को ${V_0}$ वोल्ट तक आवेशित किया गया है

$(i)$   बैटरी हटा कर प्ले$\frac{{{q^2}}}{{2C}}$टों के बीच दूरी दुगनी करने पर संचित ऊर्जा ${E_1}$ है।

$(ii)$ बैटरी बिना हटाये प्लेटों के बीच दूरी दुगनी करने पर संचित ऊर्जा ${E_2}$ है। तो ${E_1}/{E_2}$ का मान है

एक गोला जिसकी त्रिज्या $1\,cm$ एवं विभव $8000\,V$ है तो इसकी सतह के नजदीक ऊर्जा घनत्व होगा