$64$एकसमान बूँदें जिनमें प्रत्येक को ' $10 \mathrm{mV}$ विभव तक आवेशित किया गया है, को मिश्रित करके एक बड़ी बूँद बनायी गई है। बड़ी बूँद का विभव______________$\mathrm{mV}$ होगा।
$150$
$140$
$130$
$160$
तीन संकेन्द्री धातु कोष $A, B$ तथा $C$ जिनकी त्रिज्यायें क्रमशः $a$, $b$ तथा $c(a< b< c)$ हैं, का पृष्ठ-आवेश-घनत्व क्रमश : $+\sigma$ $-\sigma$ तथा $+\sigma$ है। कोष $B$ का विभव होगा
${R_1}$ व ${R_2}$ त्रिज्याओं वाले दो धात्विक गोलों को समान विभव तक आवेशित किया गया है। गोलों पर आवेशों का अनुपात होगा
दो आवेशित अवरोधी गोलाकारों की त्रिज्या क्रमश: $20\,cm$ और $25\,cm$ है और दोनों पर समान वैद्युत आवेश $Q$ है। इन्हेंं तांबे के तार के साथ संयोजित किया गया है
चित्र में दिखाये गये अनुसार $2 L$ भुजा के एक वर्ग के चार कोनों पर $+ q ,+ q ,- q$ और $- q$ आवेश स्थित है, दो आवेश $+ q$ और $+ q$ के बीच के मध्य बिन्दु $A$ पर विधुत विभव है -
$R_{1}$ एवं $R_{2}$ त्रिज्याओं $\left(R_{1}>>R_{2}\right)$ वाले दो खोखले चालक गोलों पर समान आवेश है। तो विभव का मान होगा :