दो अभिलम्बवत् (Normal) एकसमान चुम्बकीय क्षेत्रों $F$  एवं $H $ में एक चुम्बकीय सुई  है जो $F$ के साथ $60$$ ° $ का कोण बनाती है । $\frac{F}{H}$का मान है

  • A

    $1:2$

  • B

    $2:1$

  • C

    $\sqrt 3 :1$

  • D

    $1:\sqrt 3 $

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चुम्बकीय विषुवत् पर नमन् कोण शून्य होता है क्योंकि यहाँ है

यदि चुम्बक को इसकी चुम्बकीय अक्ष के साथ लटकाकर छोड़ दें तो यह रुकेगी

भूमध्य रेखा और ध्रुव पर चुम्बकीय क्षेत्र की कुल तीव्रता का अनुपात है

  • [IIT 1970]

एक लंबे, सीधे, क्षैतिज केबल में, $2.5\, A$ धारा, $10^{\circ}$ दक्षिण-पश्चिम से $10^{\circ}$ उत्तर-पूर्व की ओर प्रवाहित हो रही है। इस स्थान पर चुंबकीय याम्योत्तर भौगोलिक याम्योत्तर के $10^{\circ}$ पश्चिम में है यहाँ पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र $0.33 \,G$ एवं नति कोण शून्य है। उदासीन बिंदुओं की रेखा निर्धारित कीजिए। ( केबल की मोटाई की उपेक्षा कर सकते हैं)।

( उदासीन बिंदुओं पर, धारावाही केबल द्वारा चुंबकीय क्षेत्र, पृथ्वी के क्षैतिज घटक के चुंबकीय क्षेत्र के समान एवं विपरीत दिशा में होता है।)

सही सम्बन्ध है

(जबकि ${B_H} = $भू-चुम्बकीय क्षैतिज घटक; ${B_V}$ $=$ पृथ्वी की पूर्ण चुम्बकीय तीव्रता का ऊध्र्वाधर घटक $B  = $ पृथ्वी की पूर्ण चुम्बकीय तीव्रता)