समान पदार्थों के बने दो धात्विक तारों $\mathrm{P}$ व $\mathrm{Q}$ का आयतन समान है। यदि इनके अनुप्रस्थ परिच्छेद क्षेत्रफलों का अनुपात $4: 1$ है तथा $F_1$ बल आरोपित करने पर इसकी लम्बाई में वृद्धि $\Delta l$ होती है। $\mathrm{Q}$ में समान विस्तार उत्पन्न करने के लिए आरोपित बल $\mathrm{F}_2$ है। $\frac{\mathrm{F}_1}{\mathrm{~F}_2}$ का मान. . . . . . हैं
$16$
$14$
$20$
$50$
एक स्टील छड़ की त्रिज्या $20 \mathrm{~mm}$ एवं लम्बाई $2.0 \mathrm{~m}$ है। $62.8 \mathrm{kN}$ का बल इसे लम्बाई के अनुदिश खीचता है। स्टील का यंग प्रत्यास्थता गुणांक $2.0 \times 10^{11} \mathrm{~N} / \mathrm{m}^2$ है। तार में उत्पन्न अनुदैर्ध्य विकृति_____________$\times 10^{-5}$ है।
चल कुण्डली धारामापी में क्वार्ट्ज के तार का उपयोग करते हैं, कयोंकि
एक संरचनात्मक इस्पात की छड़ की त्रिज्या $10\, mm$ तथा लंबाई $1\, m$ है। $100\, kN$ का एक बल $F$ इसको लंबाई की दिशा में तनित करता है। छड़ में $(a)$ प्रतिबल, $(b)$ विस्तार, तथा $(c)$ विकृति की गणना कीजिए। संरचनात्मक इस्पात का यंग गुणांक $2.0 \times 10^{11} N m ^{-2}$ है।
स्टील का यंग प्रत्यास्थता गुणांक, पीतल से दो गुना है। एक ही लम्बार्ड तथा एक ही अनुप्रस्थ काट के दो तारों, एक स्टील का तथा एक पीतल का को एक ही छत से लटकाया जाता है । यदि भार लटकाने पर दोनो तारो के निचले सिरे एक ही तल पर है, तो स्टील तथा पीतल के तारो से लटकाये गये भारों का अनुपात होना चाहिये: