दो सर्वसम संधारित्रों की धारिता $C$ है। इनमें से एक को ${V_1}$ विभव तक तथा दूसरे को ${V_2}$ विभव तक आवेशित किया गया है। संधारित्रों के ऋण सिरों को एक साथ जोड़ दिया जाता है। जब धन सिरों को भी जोड़ देंगे तब निकाय की ऊर्जा में हानि होगी

  • [IIT 2002]
  • A

    $\frac{1}{4}C(V_1^2 - V_2^2)$

  • B

    $\frac{1}{4}C(V_1^2 + V_2^2)$

  • C

    $\frac{1}{4}C{\left( {{V_1} - {V_2}} \right)^2}$

  • D

    $\frac{1}{4}C{\left( {{V_1} + {V_2}} \right)^2}$

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$16 \Omega$के तार को जोड़कर एक वर्णकार लुग  बनाया गया है। $1 \Omega$ आन्तरिक प्रतिरोध की एक $9 \mathrm{~V}$ की बैटरी से इसकी एक भुजा से जोड़ा जाता है। यदि $4 \mu \mathrm{F}$ का एक संधारित्र इसके विकर्ण से जोड़ा गया हो तो संधारित्र में संचित $\frac{x}{2} \mu \mathrm{J}$ ऊर्जा होगी। जहाँ $\mathrm{x}=$. . . . . . . .

  • [JEE MAIN 2024]

${C_0}$ धारिता के समान्तर प्लेट संधारित्र को ${V_0}$ वोल्ट तक आवेशित किया गया है

$(i)$   बैटरी हटा कर प्ले$\frac{{{q^2}}}{{2C}}$टों के बीच दूरी दुगनी करने पर संचित ऊर्जा ${E_1}$ है।

$(ii)$ बैटरी बिना हटाये प्लेटों के बीच दूरी दुगनी करने पर संचित ऊर्जा ${E_2}$ है। तो ${E_1}/{E_2}$ का मान है

एक संधारित्र पर आवेश $Q$ विभव $V$ के साथ परिवर्तित होता है, जैसा कि चित्र में दिखाया गया है, जहाँ $Q$, $X$-अक्ष के अनुदिश एवं $V$, $Y$-अक्ष के अनुदिश है। त्रिभुज $OAB$ प्रदर्शित करता है

श्रेणी क्रम में जुड़े (संयोजित ) $n_{1}$ संधारित्रों में प्रत्येक की धारिता $C_{1}$ है। इस संयोजन को $4\, V$ विभवान्तर के एक स्त्रोत से आवेशित किया गया है। एक अन्य संयोजन में $n_{2}$ संधारित्रों को, जिनमें प्रत्येक की धारिता $C_{2}$ है, समान्तर (पाश्र्व) क्रम में जोड़कर, $V$ विभवान्तर के एक स्त्रोत से आवेशित किया गया है। यदि इन दोनो संयोजनों में संचित ऊर्जा समान (बराबर) हो तो $C_{1},$ के पदों $C_{2}$ का मान होगा

  • [AIPMT 2010]

एक समान्तर प्लेट संधारित्र की प्लेटों के बीच की दूरी $2 \,mm$ है। इसे $300\, V$ की सप्लार्इ से जोड़ा गया है। ऊर्जा घनत्व होगा.......$J/m^3$