एक संधारित्र पर आवेश $Q$ विभव $V$ के साथ परिवर्तित होता है, जैसा कि चित्र में दिखाया गया है, जहाँ $Q$, $X$-अक्ष के अनुदिश एवं $V$, $Y$-अक्ष के अनुदिश है। त्रिभुज $OAB$ प्रदर्शित करता है

116-11

  • A

    धारिता

  • B

    धारितीय प्रतिघात

  • C

    प्लेटों के बीच चुम्बकीय क्षेत्र

  • D

    संधारित्र में संचित ऊर्जा

Similar Questions

$n$ समरूप संधारित्र समान्तर क्रम में जुड़े हुए हैं और $V$ विभव तक आवेशित हैं। अब इनको अलग करके श्रेणीक्रम में जोड़ें तो संयोजन की कुल ऊर्जा और विभवान्तर होगा

एक $4 \,\mu F$ के संधारित्र को $200\, V$ संभरण (सप्लाई) से आवेशित किया गया है। फिर संभरण से हटाकर इसे एक अन्य अनावेशित $2\, \mu F$ के संधारित्र से जोड़ा जाता है। पहले संधारित्र की कितनी स्थिरवैध्युत ऊर्जा का ऊष्मा और वैध्युत-चुंबकीय विकिरण के रूप में ह्ञास होता है?

दो छोटे गोलाकार परस्पर $r$ दूरी पर रखे गये हैं। प्रत्येक पर  $q$ वैद्युत आवेश है। यदि एक गोलाकार को दूसरे गोलाकार के चारों ओर $r$ त्रिज्या के वृत्तीय पथ पर घुमाया जाता है तो सम्पन कार्य होगा

$(a)$ $900 \,pF$ के किसी संधारित्र को $100 \,V$ बैटरी से आवेशित किया गया $[$ चित्र $( a )]$ संधारित्र में संचित कुल स्थिरवैध्युत ऊर्जा कितनी है? $(b)$ इस संधारित्र को बैटरी से वियोजित करके किसी अन्य $900 \,pF$ के संधारित्र से संयोजित किया गया। निकाय द्वारा संचित स्थिरवैध्यूत ऊर्जा कितनी है?

$C$ धारिता के संधारित्र में संचित ऊर्जा क्या होगी, जबकि उसका विभव $V$ तक बढ़ाया जाये

  • [AIPMT 1996]