स्टील व तांबे के दो एक समान तार समान बलों द्वारा खींचे जाते हैं। यदि उनकी लम्बाईयों में वृद्धियों का अन्तर $0.5$ सेमी है तो प्रत्येक तार की लम्बाई में वृद्धि $(l)$ होगी [$Ys$ (स्टील) $= 2.0 × 10^{ 11}$ न्यूटन/मीटर व $YC$ (तांबा) $= 1.2 × 10 ^{11}$ न्यू/मी$^2$]
$ls = 0.75$ सेमी, $lc = 1.25$ सेमी
$ls = 1.25$ सेमी, $lc = 0.75$ सेमी
$ls = 0.25$ सेमी, $lc = 0.75$ सेमी
$ls = 0.75$ सेमी, $lc = 0.25$ सेमी
लोहे के निश्चित आयतन से $L$ लम्बाई का एक तार बनाया गया है; एक निश्चित $F$ बल से इस तार की लम्बाई में उत्पन्न विस्तार $x$ निम्नलिखित में किसके समानुपाती होगा
$4.0$ मीटर लम्बे एवं $1.2$ सेमी$^2$ अनुप्रस्थ काट वाले ताँबे के तार को $4.8 \times {10^3}N$ के बल से खींचा जाता है। यदि ताँबे का यंग गुणांक $1.2 \times {10^{11}}$$N/$मीटर$^2$ हो तो तार की लम्बाई में वृद्धि होगी
दो तार समान पदार्थ के बने हैं और दोनों के आयतन भी समान हैं । पहले तार की अनुप्रस्थ-काट का क्षेत्रफल $A$ और दूसरे तार की अनुप्रस्थ-काट का क्षेत्रफल $3 A$ है । यदि बल $F$ लगाकर पहले तार की लम्बाई में $\Delta l$ की वृद्धि की जाती है, तो दूसरे तार की लम्बाई में भी इतनी ही वृद्धि करने के लिए कितने बल की आवश्यकता होगी ?
एक तार जिसकी लम्बाई $L$ तथा त्रिज्या $r$ हैं, एक सिरे पर दृढ़ता से बँधा है। तार के दूसरे सिरे को बल $F$ से खींचने पर तार की लम्बाई में वृद्धि $l$ होती है। इसी पदार्थ के एक दूसरे तार को, जिसकी लम्बाई $2L$ तथा त्रिज्या $2r$ हैं, बल $2F$ से खींचने पर इसकी लम्बाई में वृद्धि होगी
किसी तार का बल नियतांक निर्भर नहीं करता है