एक तार जिसकी लम्बाई $L$ तथा त्रिज्या $r$ हैं, एक सिरे पर दृढ़ता से बँधा है। तार के दूसरे सिरे को बल $F$ से खींचने पर तार की लम्बाई में वृद्धि $l$ होती है। इसी पदार्थ के एक दूसरे तार को, जिसकी लम्बाई $2L$ तथा त्रिज्या $2r$ हैं, बल $2F$ से खींचने पर इसकी लम्बाई में वृद्धि होगी

  • [AIIMS 1980]
  • A

    $l$

  • B

    $2l$

  • C

    $\frac{l}{2}$

  • D

    $\frac{l}{4}$

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$CGS$ प्रणाली में स्टील का यंग प्रत्यास्थता गुणांक  $2 \times {10^{12}}$ है। एक इकाई अनुप्रस्थ काट के स्टील के तार की किसी लम्बाई को दोगुनी करने के लिये निम्न बल की आवश्यकता है

जब एक प्रत्यास्थ पदार्थ, जिसका यंग प्रत्यास्थता गुणांक $Y$ है, को प्रतिबल $S$ से ताना जाता है, तो उसके प्रति एकांक आयतन में प्रत्यास्थ ऊर्जा होगी

  • [AIEEE 2005]

$10\, m$ लम्बाई के रबर की डोरी को उध्र्वाधरत: लटकाया है। इसमें अपने ही भार के कारण लम्बाई में वृद्धि होगी, $($रबर का घनत्व $1500 \,kg/m^3, Y = 5×10^8 N/m^2, g = 10 m/s^2$$)$

$4.7\, m$ लंबे व $3.0 \times 10^{-5}\, m^2$ अनुप्रस्थ काट के स्टील के तार तथा $3.5\, m$ लंबे व $4.0 \times 10^{-5} \;m ^{2}$ अनुप्रस्थ काट के ताँबे के तार पर दिए गए समान परिमाण के भारों को लटकाने पर उनकी लंबाइयों में समान वृद्धी होती है । स्टील तथा ताँबे के यंग प्रत्यास्थता गुणांकों में क्या अनुपात है ?

एक $2 \ L$ लम्बाई व $2 \ R$ त्रिज्या के मोटे क्षैतिज तार के एक सिरे को $L$ लम्बाई व $R$ त्रिज्या वाले एक पतले क्षैतिज तार से वेल्डिंग के द्वारा जोड़ा गया है। इस व्यवस्था के दोंनो सिरों पर बल लगाकर ताना जाता है। पतले व मोटे तारों में तरंगदैर्ध्य वृद्धि का अनुपात निम्न है :

  • [IIT 2013]