$10^{-4}$ मी. $^2$ अनुप्रस्थ परिच्छेद क्षेत्रफल वाले एक धातु के पतले तार का प्रयोग करके $30$ सेमी. त्रिज्या का एक छल्ला (रिंग) बनाया गया है। $2 \pi \mathrm{C}$ के एक धन आवेश को छल्ले पर एक समान रूप से वितरित किया गया है तथा $30 \mathrm{pC}$ का दूसरा धन आवेश छल्ले के केन्द्र पर रखा गया है। छल्ले में तनाव . . . . . . .${N}$ है जबकि छल्ले का आकार अपरिवर्तित रहता है।

(गुरूत्व का प्रभाव नगण्य मान कर)

(यदि, $\frac{1}{4 \pi \epsilon_0}=9 \times 10^9 \mathrm{SI}$ मात्रक)

  • [JEE MAIN 2024]
  • A

    $7$

  • B

    $3$

  • C

    $5$

  • D

    $6$

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$3 ×10 ^{-6}\, C$ एवं $8 ×10 ^{-6} \, C$ के दो बिन्दु आवेश एक दूसरे को   $ 6 ×10^{-6}\, N$ के बल से प्रतिकर्षित करते हैं। यदि  प्रत्येक को  $-6 ×10 ^{-6}\, C$ का अतिरिक्त आवेश दे दिया जाये तो इनके मध्य बल होगा

समान परिमाण के दो आवेश एक दूसरे से $r$ दूरी पर स्थित हैं और इनके मध्य कार्यरत बल $F$ है। यदि आवेशों के मान आधे कर दिये जायें एवं इनके मध्य की दूरी को दो गुनी कर दी जाये तो इनके मध्य नया बल होगा

एक उदासीन धात्विक गोले से जब ${10^{14}}$ इलेक्ट्रॉन हटाये जाते हैं, तो गोले पर आवेश हो जाता है

आवेशित गोलीय संधारित्र के दो गोलों के मध्य विद्युत क्षेत्र का परिणाम

$20$ कूलॉम्ब और $Q\;$ कूलॉम्ब के दो धन आवेश एक-दूसरे से $60$ सेमी की दूरी पर स्थित हैं। उनके बीच उदासीन बिन्दु $20$ कूलॉम्ब वाले आवेश से $20$ सेमी पर है, तो $Q$  का मान .......$C$ है