तीन समान धन आवेश $q$ एक समबाहु त्रिभुज के शीर्षों पर रखे हैं परिणामी विद्युत बल रेखाऐं निम्न प्रकार से खींची जा सकती है
एक आवेश को एक बेलनाकार क्षेत्र के केंद्र बिंदु $P$ पर चित्रानुसार रखा गया है जिससे बेलन के दो छोर, बिंदु $P$ पर $\theta$ अर्ध-कोण अंतरित करते हैं। जब $\theta=30^{\circ}$ तो बेलन के बेलनाकार पृष्ठ से विद्युत फ्लक्स (flux) $\Phi$ है। यदि $\theta=60^{\circ}$ तो बेलनाकार पृष्ठ से विद्युत फ्लक्स $\Phi / \sqrt{n}$ है, जहाँ $n$ का मान .......... है।
पृथ्वी के पृष्ठ से जरा ऊपर वातावरण में साधारणतया उपस्थित असत विद्युत क्षेत्र का परिमाण $150\; N / C$ के लगभग है जिसकी दिशा पृथ्वी के केन्द्र की ओर अन्तरमुखी है। यह पृथ्वी द्वारा वाहक परिणामी पृष्ठ आवेश देगा :
[दिया है $\epsilon_{ o }=8.85 \times 10^{-12} \;C ^{2} / N - m ^{2}$, $R _{ E }=6.37 \times 10^{6}\; m$ ]
$\alpha $ भुजा वाले एक घन के केन्द्र पर एक विद्युत आवेश $q$ रखा गया है। इसके फलकों में से एक फलक पर वैद्युत अभिवाह (electric flux) का मान होगा
मुक्त आकाश में $z$-अक्ष के अनुदिश स्थित $8 \,nC / m$ के एकसमान रेखीय आवेश के प्रभाग में बिन्दु $x =3\, m$ पर पष्ठीय आवेश घनत्व ज्ञात कीजिए।
चित्र में एक आवेशित पिण्ड से निकलने वाली वैद्युत बल रेखाएँ दिखाई गई हैं। यदि $A$ तथा $B$ पर वैद्युत क्षेत्र क्रमश: ${E_A}$ व ${E_B}$ हों तथा $A$ व $B$ के बीच की दूरी $r$ है तो