$+ Q , q$ तथा $+ Q$ के तीन आवेशों को $x$-अक्ष पर मूलबिन्दु से क्रमश: दूरी $0, d / 2$ तथा $d$ पर रखा गया है। यदि $x =0$ पर रखे $+ Q$ आवेश पर कुल बल शून्य है, तो $q$ का मान होगा :
$-\frac Q2$
$+\frac Q2$
$+\frac Q4$
$-\frac Q4$
कल्पना कीजिये कि एक प्रोटॉन और एक इलेक्ट्रान के आवेश में अल्प अन्तर होता है। इनमें से एक $- e$ है और दूसरा $( e +\Delta e )$ है। यदि एक दूसरे से $^{\prime} d ^{\prime}$ दूरी पर रखे हाइड्रोजन के दो परमाणुओं के बीच ( जहाँ $d$ परमाणु के साइज से बहुत अधिक है ) स्थिर वैधुत बल और गुरूत्वीय बल का परिणामी ( नेट) शून्य है तो, $\Delta e$ की कोटि होगी :
(दिया है, हाइड्रोजन का द्रव्यमान $m _{ h }=1.67 \times 10^{-27}$ $kg)$
धातु के गोले $A$ व $B$ जिनमें $A$ की त्रिज्या $B$ की तुलना में अधिक है, एक पतले तार से जुड़े हैं। इस समायोजन को कुछ आवेश दिया जाता है, अधिक आवेश होगा
उपेक्षणीय आयतन के दो सर्वसम चालक गोलों पर $2.1\, nC$ और $-0.1\, nC$ के आवेश हैं। इस दोनों को सम्पर्क में लाकर फिर $0.5 \,m$ की दूरी पर रख दिया गया है। इन दोनों गोलों के बीच स्थिर विधुत बल $.....\,\times 10^{-9} N$ होगा।
[दिया है : $4 \pi \varepsilon_{0}=\frac{1}{9 \times 10^{9}} \,SI$ मात्रक]
वायु में रखे दो आवेश एक दूसरे को ${10^{ - 4}}\,N$ से प्रतिकर्षित करते हैं। दोनों आवेशों के मध्य तेल भर दिया जाये तो बल $2.5 \times {10^{ - 5}}\,N$ हो जाता है तो तेल का परावैद्युतांक होगा
एक धातु के ठोस पृथक्कीकृत गोलाकार पर $ + Q$ आवेश दिया गया है। गोलाकार पर आवेश का वितरण