धातु के गोले $A$ व $B$ जिनमें $A$ की त्रिज्या $B$ की तुलना में अधिक है, एक पतले तार से जुड़े हैं। इस समायोजन को कुछ आवेश दिया जाता है, अधिक आवेश होगा
गोले $B$ के पृष्ठ पर
गोले $A$ के पृष्ठ पर
दोनों पर समान
दोनों पर शून्य
दो धनात्मक आवेश वाले गोले जिनका द्रव्यमान $m_1$ तथा $m_2$ है, छत पर उभय बिन्दु से एकसमान कुचालक भारहीन डोरी, जिसकी लंबाई $l$ है, से लटके हुए हैं। दोनों गोलों का आवेश क्रमश: $q_1$ तथा $q_2$ है। साम्यावस्था में दोनों गोलों की डोरियाँ ऊर्ध्वाधर से समान कोण $\theta$ बनाती हैं। तब
$10 \,cm$ भुजा वाले समबाहु त्रिभुज $ABC$ के शीर्षों पर क्रमश: $1\,\mu C, - 1\,\mu C$ तथा $2\,\mu C$ आवेश वायु में रखे गये हैं। शीर्ष $C$ पर स्थित आवेश पर परिणामी बल......$N$ होगा
दो समान आवेश $Q$ परस्पर कुछ दूरी पर रखे हैं इनको मिलाने वाली रेखा के केन्द्र पर $q$ आवेश रखा गया है। तीनों आवेशों का निकाय सन्तुलन में होगा यदि $q$ का मान हो
दो इलेक्ट्रॉन एक दूसरे से $1\,\mathop A\limits^o $ की दूरी पर हैं। इनके बीच कूलॉम बल होगा
चार एकसमान लोलकों को $100 gm$ द्रव्यमान के गेंद को $20 \,cm$ के धागे से बाँधकर बनाया गया है |इन चारों लोलकों को एक ही बिन्दु से लटकाया जाता है | प्रत्येक गेंद को $Q$ आवेश दिया जाता है जिसके परिणामस्वरुप सारी गेंदे एक दूसरे से दूर हो जाती हैं | प्रत्येक धागा उर्ध्वाधर से $45^{\circ}$ का कोण बनाता है $\mid Q$ का मान लगभग ................. $\mu C$ होगा? $(\frac{1}{4 \pi \varepsilon_0}=9 \times 10^4 \,Sl$ इकाई में )