एक समद्विबाहु त्रिभुज $ABC$ की भुजा $BC$ और $AC , 2 a$ है। इसके प्रत्येक कोने पर $+ q$ आवेश स्थित है। बिन्दु $D$ और $E$ क्रमशः भुजाओं $BC$ और $CA$ के मध्यबिन्दु है। तो $D$ से $E$ तक किसी आवेश $Q$ को ले जाने में किया गया कार्य होगा:
$\;\frac{{3qQ}}{{4\pi {\varepsilon _0}a}}$
$\;\frac{{3qQ}}{{8\pi {\varepsilon _0}a}}$
$\;\frac{{qQ}}{{4\pi {\varepsilon _0}a}}$
zero
प्रोटॉन इलेक्ट्रॉन से लगभग $1840$ गुना भारी है। जब इसे $1\, kV$ विभवान्तर से त्वरित किया जाता है तो इसकी गतिज ऊर्जा .......$keV$ होगी
$5$ कूलॉम का एक आवेश $0.5\,m$ से विस्थापित किया जाता है। इस प्रक्रिया में किया गया कार्य $10$ जूल है। दोनों बिन्दुओं के बीच विभवान्तर ........$V$ होगा
निम्नांकित आरेख के अनुसार एक बिन्दु आवेश $ + q$ मूलबिन्दु $O$ पर स्थित है। अन्य बिन्दु आवेश $ - Q$ को बिन्दु $A$ $(0,\,a)$ से अन्य बिन्दु $B(a, 0)$ तक सरल रेखीय पथ $AB$ के अनुदिश ले जाने में किया गया कार्य है:
बिदु $(0,0,-a)$ तथा $(0,0, a)$ पर दो आवेश क्रमशः $-q$ और $+q$ स्थित हैं।
(a) बिदुओं $(0,0, z)$ और $(x, y,0)$ पर स्थिरवैध्यूत विभव क्या है?
(b) मूल बिंदु से किसी बिंदु की दूरी $r$ पर विभव की निर्भरता ज्ञात कीजिए, जबकि $r / a>>1$ है।
(c) $x$ -अक्ष पर बिदु $(5,0,0)$ से बिद $(-7,0,0)$ तक एक परीक्षण आवेश को ले जाने में कितना कार्य करना होगा ? यदि परीक्षण आवेश के उन्हीं बिदुओं के बीच $x$ -अक्ष से होकर न ले जाएँ तो क्या उत्तर बद्ल जाएगा?
$m$ द्रव्यमान के एक बिन्दु आवेश $q$ को $\ell$ लम्बाई की एक डोरी द्वारा ऊर्ध्वाधर रूप से लटकाया जाता है। अब द्विध्रुव आघूर्ण $\overrightarrow{ p }$ के एक बिन्दु द्विध्रुव को अनन्त से $q$ की ओर इस प्रकार लाया जाता है कि आवेश दूर गति करता है। द्विध्रुव की दिशा, कोणों तथा दूरियों सहित निकाय की अन्तिम साम्य स्थिति नीचे चित्र में दर्शायी गई है। यदि द्विध्रुव को इस स्थिति तक लाने में किया गया कार्य $N \times( mgh )$ है, जहाँ $g$ गुरूत्वीय त्वरण है, जब $N$ का मान. . . . . . . है। (ध्यान दीजिये की बिन्दु द्रव्यमान को साम्यावस्था में बनाए रखते हुए तीन समतलीय बलों के लिए, $\frac{ F }{\sin \theta}$ सभी बलों के लिए समान है, जहाँ $F$ कोई एक बल है तथा $\theta$ अन्य दो बलों के मध्य कोण है।)