चित्र में दो समान्तर समविभवी पृष्ठ $A$ और $B $ दिखाये गये हैं। उनके बीच की दूरी  $r$ है। एक $-q $ कूलॉम का आवेश पृष्ठ $A$ से  $B$ पर ले जाया जाता है। किया गया परिणामी कार्य होगा

110-167

  • A

    $W = \frac{1}{{4\pi {\varepsilon _o}}}\frac{q}{r}$

  • B

    $W = \frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}}\frac{q}{{{r^2}}}$

  • C

    $W = - \frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}}\frac{q}{{{r^2}}}$

  • D

    $W$ = शून्य

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निम्न चित्र में एक बिन्दु आवेश को बिन्दु  $P$ से $A$, $B$ तथा $C$ तक लाने में कार्य क्रमश: $W_A$, $W_B$ तथा $W_c$ ,है, तब

एक $\alpha  - $कण $70\,V$ वाले किसी बिन्दु से $50\,V$ वाले बिन्दु तक जाता है, इसके द्वारा कितनी गतिज ऊर्जा प्राप्त की जायेगी

एक त्रिज्या $R$ तथा एकसमान धनात्मक आवेश घनत्व (positive charge density) $\sigma$ की चक्रिका को $x y$ तल पर रखा गया है और इसका केंद्र मूल बिंदु पर है। कूलाम्ब विभव $z$ अक्ष पर $V(z)=\frac{\sigma}{2 \epsilon_0}\left(\sqrt{R^2+z^2}-z\right)$ है। एक कण जिसका धनात्मक आवेश $q$ है को प्रारंभ में विरामावस्था में $z$ अक्ष पर $z=z_0$ तथा $z_0>0$ स्थिति पर रखा जाता है। इसके अतिरिक्त एक कण पर उध्वार्धर (vertical) बल $\vec{F}=-c \hat{k}$ लगता है, जहाँ $c>0$ है। $\beta=\frac{2 c \epsilon_0}{q \sigma}$ लें। निम्न में से कौन सा (से) कथन सही है (हैं)।

$(A)$ $\beta=\frac{1}{4}$ तथा $z_0=\frac{25}{7} R$ के लिए कण मूल बिंदु (origin) पर पहुँचता है।

$(B)$ $\beta=\frac{1}{4}$ तथा $z_0=\frac{3}{7} R$ के लिये कण मूल बिंदु पर पहुँचता है।

$(C)$ $\beta=\frac{1}{4}$ तथा $z_0=\frac{R}{\sqrt{3}}$ के लिए कण $z=z_0$ पर वापस आता है।

$(D)$ $\beta>1$ तथा $z_0>0$ के लिये कण हमेशा मूल बिंदु पर पहुँचता है।

  • [IIT 2022]

$10$ सेमी भुजा वाले एक समबाहु त्रिभुज के शीर्षों पर तीन कण रखे हैं। प्रत्येक कण पर $10$ माइक्रोकूलॉम आवेश है। इस निकाय की स्थिर-वैद्युत स्थितिज ऊर्जा......जूल होगी

 (दिया है $\frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}} = 9 \times {10^9}$ न्यूटन-मीटर$^{2}$/कूलॉम$^{2}$)

एक प्रोटॉन $50,000\, V$ से त्वरित किया गया है, इसकी ऊर्जा में वृद्धि है